Political Science, asked by ashsingh2310, 5 months ago

अंबेडकर द्वारा विभिन्न धर्मों की तुलना​

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Answered by gautam9821
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Answer:

आंबेडकर ने हिंदू धर्म छोड़ने की घोषणा 1936 में ही अपने भाषण जातिभेद का उच्छेद यानी एनिहिलेशन ऑफ कास्ट में कर दी थी लेकिन उन्होंने धर्म परिवर्तन 1956 में जाकर किया. इस बीच उन्होंने सभी धर्मों का अध्ययन किया.

सिद्धार्थ

14 May, 2019

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बौद्ध धम्म ग्रहण करते बाबा साहेब आंबेडकर | कॉमंस

यह प्रश्न अक्सर लोगों की जिज्ञासा का विषय होता है कि आखिर हिंदू धर्म छोड़ने के बाद डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने बौद्ध धम्म ही क्यों अपनाया? इसके बारे में कई तरह के भ्रम हैं. इस संदर्भ में अक्सर यह प्रश्न भी पूछा जाता है कि आखिर उन्होंने हिंदू धर्म क्यों छोड़ा और ईसाई या इस्लाम या सिख धर्म क्यों नहीं अपनाया?

इन प्रश्नों का मुकम्मल जवाब डॉ. आंबेडकर के लेख ‘बुद्ध और उनके धर्म का भविष्य’ में मिलता है. इस लेख में उन्होंने बताया है कि क्यों बौद्ध धम्म उनकी नजरों में श्रेष्ठ है और क्यों यह संपूर्ण मनुष्य जाति के लिए कल्याणकारी है. मूलरूप में यह लेख अंग्रेजी में बुद्धा एंड दि फ्यूचर ऑफ हिज रिलिजन (Buddha and the Future of his Religion) नाम से यह कलकत्ता की महाबोधि सोसाइटी की मासिक पत्रिका में 1950 में प्रकाशित हुआ था. यह लेख डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर राटिंग्स एंड स्पीचेज के खंड 17 के भाग- 2 में संकलित है. इस लेख में उन्होंने विश्व में सर्वाधिक प्रचलित चार धर्मों बौद्ध धम्म, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम की तुलना की है. वे इन चारों धर्मों को अपनी विभिन्न कसौटियों पर कसते हैं.

यह भी पढ़ेंः अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर क्यों करें डॉ. आंबेडकर को याद

Answered by Anonymous
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Explanation:

डॉ. आंबेडकर के लेख ‘बुद्ध और उनके धर्म का भविष्य’ में मिलता है. इस लेख में उन्होंने बताया है कि क्यों बौद्ध धम्म उनकी नजरों में श्रेष्ठ है और क्यों यह संपूर्ण मनुष्य जाति के लिए कल्याणकारी है. मूलरूप में यह लेख अंग्रेजी में बुद्धा एंड दि फ्यूचर ऑफ हिज रिलिजन (Buddha and the Future of his Religion) नाम से यह कलकत्ता की महाबोधि सोसाइटी की मासिक पत्रिका में 1950 में प्रकाशित हुआ था. यह लेख डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर राटिंग्स एंड स्पीचेज के खंड 17 के भाग- 2 में संकलित है. इस लेख में उन्होंने विश्व में सर्वाधिक प्रचलित चार धर्मों बौद्ध धम्म, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम की तुलना की है. वे इन चारों धर्मों को अपनी विभिन्न कसौटियों पर कसते हैं.

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