Art, asked by mokshpreetk18, 9 months ago

A Beautiful poem on Teachers Day In Hindi ​

Answers

Answered by thanyabgangandhar8
3

Answer:

गुरु बिन ज्ञान नहीं

गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है,

जब तक है दिनमान नहीं रे॥

मिले न गुरु का अगर सहारा,

मिटे नहीं मन का अंधियारा

लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता,

पग आगे रखते मन डरता।

हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे।

गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥

जब तक रहती गुरु से दूरी,

होती मन की प्यास न पूरी।

गुरु मन की पीड़ा हर लेते,

दिव्य सरस जीवन कर देते।

गुरु बिन जीवन होता ऐसा,

जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥

भटकावों की राहें छोड़ें,

गुरु चरणों से मन को जोड़ें।

गुरु के निर्देशों को मानें,

इनको सच्ची सम्पत्ति जानें।

धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का,

कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥

गुरु से जब अनुदान मिलेंगे,

अति पावन परिणाम मिलेंगे।

टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे।

क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥

Explanation:

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Answered by dhoketejas159
4

Answer:

हम स्कुल रोज है जाते

शिक्षक हमको पाठ पडाते,

दिल बच्चों का कोरा कागज

उस पर ग्यान अमिट लिखवाते,

जाति-धर्म पर लढे न कोई

करना सबसे प्रेम सिखाते,

हमे सफलता कैसे पानी

कैसे चढ़ना शिखर बताते,

सच तो ये है स्कुलों मे

अच्छा इक इंसान बनाते...

Explanation:

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