Hindi, asked by uikeymithlesh1432, 8 hours ago

(अ) भजन करौ भाई रे, अइसन तन वायके।
नहिं रहे लंकापति रावन, नहि रहे दुर्योधन राई रे।
मात पिता सुत ठाढ़े भाई बंद, आयो जमराज पकर ले जाई
लाल संभ पर देत ताड़ना, बिन सतगुरु को होत सहाई
धरनदास के अरज गोसाई, नाम कबीर कहाँ गोहराई है।​

Answers

Answered by yashaswividyarthi31
2

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Answered by roopa2000
0

Answer:

भजन करो भाई रे।

एसो तन पाई के।।

नाही रहे लंकापति रावण

नाही रहे दुर्योधन राइ रे

एसो तन पाई के।।

नाही रहे हनुमान जानकी

नाही रहे लखन-रघुराई रे

एसो तन पाई के।।

नाही रहे वासुदेव जसोदा

नाही रहे

नाही रहे किशन कन्हाई रे

एसो तन पाई के।।

मात पिता सूत

आड़े भाईबंद

आयो जमराज

आयो जमराज

पकड़ ले जाई रे

एसो तन पाई के।।

लाल खंभ पर

देत ताव लो

बिन सतगुरु कोन

बिन सतगुरु कोन

छुड़ाई मेरे भाई रे

एसो तन पाई के।।

धरमदास की

अरज गुसाई

नाम कबीर

नाम कबीर

को हराई मेरे भाई रे

एसो तन पाई के।।

भजन करो भाई रे।।

एसो तन पाई के।।

Explanation:

भगवान का दिया हुआ यह शरीर एक दिन राख में मिलेगा और सभी इस धरती पर रहेंगे, इसलिए भगवान की स्तुति करो और गर्व मत करो क्योंकि रावण या दुर्योधन का अभिमान नहीं चला, यह सब धूल में मिला था।

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