“अंबर पनघट में डुबो रही तारा घट उषा नागरी” में निहित अलंकार को बताइए।
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बीती विभावरी जाग री। अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा-नागरी। उपयुक्त पंक्तियों में रूपक अलंकार है क्योंकि यहां 'अम्बर-पनघट' 'तारा-घट' एवं 'ऊषा-नगरी' को उपमेय उपमान माना गया है। इससे उपमेय में उपमान का आरोप हो रहा है।
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Answer:
अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा-नागरी। में निहित अलंकार -
उपयुक्त पंक्तियों में रूपक अलंकार है ।
Explanation:
अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा-नागरी। में रूपक अलंकार है
क्योंकि यहां 'अम्बर-पनघट' 'तारा-घट' एवं 'ऊषा-नगरी' को उपमेय उपमान माना गया है। इससे उपमेय में उपमान का आरोप हो रहा है।
रूपक अलंकार-
दूसरे शब्दों में जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।
उदाहरण-
- पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
'राम रतन' – उपमेय पर 'धन' – उपमान का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है। यहां आप देख सकते हैं की उपमान एवं उपमेय में अभिन्नता दर्शायी जा रही है। हम जानते हैं की जब अभिन्नता दर्शायी जाती ही तब वहां रूपक अलंकार होता है। अतः यह उदाहरण रूपक अलंकार के अंतर्गत आएगा।