अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे ? वे आपस में सवाल-जवाब करके दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे ?
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बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे।
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Answer:
केशव और श्यामा की माता जी घर के कामों में बहुत व्यस्त रहती थीं और उनके पिता के पास पढ़ाई-लिखाई का कार्य हुआ करता था। उन दोनों के सवालों का जवाब देने के लिए कोई नहीं रहा था इसलिए वे स्वयं ही एक दूसरे के सवालों का जवाब देकर तसल्ली दे दिया करते थे।
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