a debate on swachh bharat abhiyan in hindi
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मेरे आदरणीय प्रधानाचार्य, अध्यापक और मेरे सहपाठियों, सुबह की नमस्ते। मेरा नाम.......है। मैं कक्षा....में पढ़ता/पढ़ती हूँ। सबसे पहले मैं अपने कक्षा अध्यापक/अध्यापिका को इस महान अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान पर आप सभी के सामने अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय देने के लिए धन्यवाद कहना चाहूँगा/चाहूँगी। ये कहा जाता है कि, देश के युवा देश का भविष्य होते हैं। इसलिए, एक नागरिक, विद्यार्थी और एक युवा होने के नाते, मैं स्वंय को देश के विकास के लिए जिम्मेदार मानता/मानती हूँ और इस विषय का चुनाव देश में इस मिशन के बारे में भारत के लोगों के बीच में जागरुकता और सुधार लाने के लिए किया है। ये मिशन स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया कैंपेन भी कहा जाता है। ये भारतीय सरकार द्वारा, 2 अक्टूबर 2014 को, चलाया जाने वाला सबसे बड़ा अभियान है। इस अभियान को शुरु करने की तिथि 2 अक्टूबर चुनी गयी जो महात्मा गाँधी के जन्म की सालगिरह होती है, क्योंकि भारत को स्वच्छ भारत बनाने का सपना बापू का था।
स्वच्छ भारत अभियान आधिकारिक रुप से राजघाट, नई दिल्ली में, प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के द्वारा स्वंय सड़कों को साफ करके शुरु किया गया। ये अभियान अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है जिसमें लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों सहित स्कूल और कॉलेजों के बच्चों ने भाग लिया। भारत के प्रधानमंत्री ने अभियान को शुरु करते समय 9 प्रसिद्ध व्यक्तित्वों को अभियान के लिए अपने क्षेत्रों में पहल करने के साथ ही अभियान के बारे में प्रवाह लाने के लिए नामांकित किया था। इन्होंने उन 9 व्यक्तित्वों से भी अगले 9 व्यक्तियों को इस अभियान में शामिल करके इस श्रृंखला को (एक पेड़ की शाखाओं की तरह) तब तक जारी रखने के लिए भी अनुरोध किया था तब तक कि भारत का प्रत्येक नागरिक इस अभियान में शामिल न हो जाये क्योंकि इसे 2019, महात्मा गाँधी की 150वीं सालगिरह तक पूरा करना है।
इस मिशन का लक्ष्य व्यक्तिगत शौचालय, शुष्क शौचालयों को कम लागत वाले स्वस्थ्य शौचालयों में परिवर्तित करना, हैन्ड-पंप, उचित स्नान व्यवस्था, सफाई, स्वच्छ बाजारों या मंडियों, नालियों, नमी को रोकने वाले गढ्ढे, ठोस और द्रव्य अवशिष्ट निराकरण आदि की उचित व्यवस्था के साथ ही लोगों में स्वास्थ्य, साफ-सफाई, पर्यावरण को बनाये रखने और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरुकता लाना है। इस मिशन से पहले 1999 में 1 अप्रैल, भारत की सरकार ने कुल स्वच्छता अभियान (टोटल सैनिटेशन कैंपेन [टी.एस.सी.]) के नाम से एक अभियान शुरु किया था हालांकि, वो कुछ ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा जिसके बाद इस मिशन में नयी जान डालने के लिए योजना शुरु की गयी, जिसे निर्मल ग्राम पुरस्कार कहा जाता था। इसके बाद 1 अप्रैल 2012 को, इसी कार्यक्रम को निर्मल भारत अभियान नाम दिया गया और अन्त में इसे 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान के नाम से दुबारा शुरु किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 2019, 2 अक्टूबर ( महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती) तक भारत के स्वच्छ भारत के सपने को प्राप्त करना है। ये मिशन भारत की सरकार के द्वारा “राजनीति से परे” है और “राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित” करने के लिए, इसका श्रेय पूरे देश के नागरिकों को दिया जायेगा। इसके कुछ अन्य मुख्य उद्देश्य प्रत्येक क्षेत्र में खुले में शौच का उन्मूलन करना, हाथ से शौच उठाने की व्यवस्था को खत्म करना, नगर निगम के ठोस कचरो को दुबारा प्रयोग करने और रीसाइकिल करने के लिए प्रेरित करना, स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना, इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ते हुए और पूँजी खर्च और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्रों को बड़े स्तर पर शामिल करना आदि हैं।
जय हिन्द, जय भारत
स्वच्छ भारत, कुशल भारत।
स्वच्छ भारत अभियान आधिकारिक रुप से राजघाट, नई दिल्ली में, प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के द्वारा स्वंय सड़कों को साफ करके शुरु किया गया। ये अभियान अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है जिसमें लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों सहित स्कूल और कॉलेजों के बच्चों ने भाग लिया। भारत के प्रधानमंत्री ने अभियान को शुरु करते समय 9 प्रसिद्ध व्यक्तित्वों को अभियान के लिए अपने क्षेत्रों में पहल करने के साथ ही अभियान के बारे में प्रवाह लाने के लिए नामांकित किया था। इन्होंने उन 9 व्यक्तित्वों से भी अगले 9 व्यक्तियों को इस अभियान में शामिल करके इस श्रृंखला को (एक पेड़ की शाखाओं की तरह) तब तक जारी रखने के लिए भी अनुरोध किया था तब तक कि भारत का प्रत्येक नागरिक इस अभियान में शामिल न हो जाये क्योंकि इसे 2019, महात्मा गाँधी की 150वीं सालगिरह तक पूरा करना है।
इस मिशन का लक्ष्य व्यक्तिगत शौचालय, शुष्क शौचालयों को कम लागत वाले स्वस्थ्य शौचालयों में परिवर्तित करना, हैन्ड-पंप, उचित स्नान व्यवस्था, सफाई, स्वच्छ बाजारों या मंडियों, नालियों, नमी को रोकने वाले गढ्ढे, ठोस और द्रव्य अवशिष्ट निराकरण आदि की उचित व्यवस्था के साथ ही लोगों में स्वास्थ्य, साफ-सफाई, पर्यावरण को बनाये रखने और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरुकता लाना है। इस मिशन से पहले 1999 में 1 अप्रैल, भारत की सरकार ने कुल स्वच्छता अभियान (टोटल सैनिटेशन कैंपेन [टी.एस.सी.]) के नाम से एक अभियान शुरु किया था हालांकि, वो कुछ ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा जिसके बाद इस मिशन में नयी जान डालने के लिए योजना शुरु की गयी, जिसे निर्मल ग्राम पुरस्कार कहा जाता था। इसके बाद 1 अप्रैल 2012 को, इसी कार्यक्रम को निर्मल भारत अभियान नाम दिया गया और अन्त में इसे 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान के नाम से दुबारा शुरु किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 2019, 2 अक्टूबर ( महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती) तक भारत के स्वच्छ भारत के सपने को प्राप्त करना है। ये मिशन भारत की सरकार के द्वारा “राजनीति से परे” है और “राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित” करने के लिए, इसका श्रेय पूरे देश के नागरिकों को दिया जायेगा। इसके कुछ अन्य मुख्य उद्देश्य प्रत्येक क्षेत्र में खुले में शौच का उन्मूलन करना, हाथ से शौच उठाने की व्यवस्था को खत्म करना, नगर निगम के ठोस कचरो को दुबारा प्रयोग करने और रीसाइकिल करने के लिए प्रेरित करना, स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना, इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ते हुए और पूँजी खर्च और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्रों को बड़े स्तर पर शामिल करना आदि हैं।
जय हिन्द, जय भारत
स्वच्छ भारत, कुशल भारत।
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