a essay on gandhi jayanti in hindi
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Explanation:
भारत में हर वर्ष 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। यानी देश इस बार गांधीजी की 151वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। गांधी जयंती के दिन स्कूल, कॉलेजों में वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ऐसे में काफी स्कूलों और कॉलेजों में ऑनलाइन मोड से भाषण व निबंध लेखन प्रतियोगिताएं हो रही हैं।
Explanation:
मोहनदास करमचन्द गाँधी के जन्म दिवस को चिन्हित करने के लिये 2 अक्टूबर को हर वर्ष पूरे भारत में मनाये जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश है गाँधी जयंती। वह भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है।
ये उपाधि उन्हें आधिकारिक रुप से प्राप्त नहीं है क्योंकि किसी को भी राष्ट्र के पिता के रुप में स्थान देना भारत के संविधान में उल्लिखित नहीं है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को घोषित किया गया। गाँधी जयंती पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में जबकि पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में को मनाया जाता है।
इस दिन पूरे देशभर में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। इसे पूरे भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। ये भारत (स्वत्रंता दिवस-15 अगस्त, गणतंत्र दिवस-26 जनवरी) के 3 में से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है। नई दिल्ली में गाँधी स्मारक (दाह संस्कार) पर राजघाट पर सरकारी अधिकारियों के द्वारा श्रद्धांजलि, प्रार्थना सेवा के रुप में जैसे कुछ महत्वपूर्णं गतिविधियों सहित इसे चिन्हित किया जाता है।
दूसरे क्रियाकलाप जैसे प्रार्थना, सभा, स्मरणीय समारोह, नाट्य मंचन, भाषण व्याख्यान (अहिंसा के विषय-वस्तु पर, शांति की स्तुति करना तथा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में गाँधी के प्रयासों पर), निबंध लेखन, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, कविता पाठ आदि स्कूल, कॉलेज, स्थानीय सरकारी संस्थानों और सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों में होते है। गाँधी जयंती के दिन किसी भी प्रतियोगिता में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को सबसे श्रेष्ठ ईनाम दिया जाता है। सामान्यत: इस दिन उत्सव मनाने के दौरान गाँधी का सबसे प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया जाता है।
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