Hindi, asked by kanhathapliyal2001, 1 month ago

a essay on पुरानी नगर बस की आत्मकथा। of 200-250 words.​

Answers

Answered by mad210216
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पुरानी नगर बस की आत्मकथा

Explanation:

  • मेरे सारे मित्रों को मेरा नमस्कार! अरे मुझे पहचाना नही? मैं तुम्हारी साथी 'बस' बोल रही हूँ। मेरी अब उम्र हो गई है, इसलिए मैं अब पहले जैसे रंगीन और स्वच्छ नहीं दिखती।
  • पहले मैं भड़कीले लाल व पीले रंग की हुआ करती थी। मेरा काम सुबह ५ बजे से लेकर रात के १२ बजे तक चलता था।
  • इस दौरान मैं कई सारे मुसाफिरों को उनके मंजिल तक कम से कम समय और पैसों में पहुंचाती थी। मुझे इसमें खूब आनंद मिलता था।
  • मैंने लोगों की जिंदगीभर बहुत मदद की। मैंने कई अलग अलग प्रकार के मुसाफिर देखे है।
  • कुछ लोग बहुत बुरे थे। मेरी सीट फाड़ देते थे, कभी कभी मुझे गंदा कर देते थे। तब मुझे दु:ख होता था।  
  • लेकिन मैं अब तक आपकी सेवा कर पाई, इस बात की मुझे खुशी है। चलिए, फिर मिलूँगी। अब, दूसरी सवारी का समय हो गया है।
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