A few lines on shishtachar in Hindi
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शिष्टाचार का मतलब है सभ्यता पूर्ण आचरण। मनुष्य के जीवन में शिष्टाचार का विशेष महत्व है। हर एक व्यक्ति के प्रति अच्छा व्यवहार होना, घर आने वालों का आदर करना, स्वागत करना, निस्वार्थ भाव से किया गया सम्मान शिष्टाचार कहलाता है। अगर मनुष्य में शिष्टाचार का गुण है तो वह व्यक्ति समाज में सभ्यता का प्रतीक माना जाता है। समाज में उसकी लोकप्रियता बढ़ती है।
और देखा जाए तो इसके विपरीत अशिष्ट व्यक्ति को शायद ही कोई पसंद करता है और उसे शायद ही कोई संपूर्ण सहयोग करने वाला मिलता है। अशिष्ट व्यवहार दूसरों में द्वेष, घृणा पैदा कर देता है। अशिष्टता पूर्ण आचरण से अपने भी पराये बन जाते हैं। और इसलिए यदि हमारे आचरण में तथा वाणी में शिष्टता न हो तो मनुष्य को स्वयं को सुसंस्कृत मनुष्य नहीं समझना चाहिए।
शिष्टाचार और सदाचरण से विरोधियों को भी अपना बनाया जा सकता है। यह ऐसा अमृत है, जिससे कठोर से कठोर व्यक्ति, शत्रु भी पिघल जाते हैं।
शिष्टाचार सिखना कोई मुश्किल कार्य नहीं है, यह ऐसा सद्गुण है जिसे अभ्यास और आचरण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। शिष्टाचार का सम्बन्ध मनुष्य के हृदय से है। सबसे पहले बचपन में ही शिष्टाचार का बीज बच्चे के हृदय में उसके माता-पिता द्वारा बोया जाता है। फिर छात्र जीवन में धीरे-धीरे यह बीज विकसित होता है।
व्यक्ति जितना अधिक अपने प्रति ईमानदार और शिष्टाचारी होता है वह उतनी ही ज्यादा सच्ची और वास्तविक खुशी को प्राप्त करता है।
Answer:
no
Explanation:
no never