a few points in hindi:responsibilities of students in online classes
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लॉकडाउन में बंद पड़े स्कूलों के चलते शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई में छात्र ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यही कारण है कि इन कक्षाओं से करीब आधे छात्र ही जुड़ पाए हैं। इसके अलावा कहीं नेट की रफ्तार तो कहीं संसाधनों की कमी ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावित कर रही है। अभिभावक बच्चों के असाइनमेंट तैयार करने में जुटे हैं तो अधिकतर शिक्षक भी इसे कई कारणों से ज्यादा प्रभावी नहीं मान रहे। हिन्दुस्तान टीम की रिपोर्ट...
कक्षा के लिए बने ग्रुप में नहीं जुड़े पूरे छात्र
दिल्ली शिक्षा निदेशालय की तरफ से शुरू की गई ऑनलाइन कक्षाओं के तहत संसाधनों की कमी का सबसे अधिक सामना 10वीं और 12वीं के छात्रों को करना पड़ रहा है। निदेशालय के एक शिक्षक के मुताबिक जिन बच्चों ने अभी 9वीं व 11वीं पास की है। उन्हें ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए कक्षा शिक्षक ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इन ग्रुप के माध्यम से ही ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन व निगरानी होती है। कक्षा में पंजीकरण के हिसाब से एक कक्षा के लिए बनाए गए ग्रुप में 40 से 50 छात्र होने चाहिए। लेकिन, इन ग्रुपों में बड़ी संख्या में छात्र ही नहीं जुड़े हैं। आलम यह है कि किसी ग्रुप में 50 फीसद तो किसी ग्रुप में 60 फीसदी छात्र ही जुड़े हैं।
शिक्षक के मुताबिक इसके पीछे जो प्रथम दृष्टया कारण समझ आ रहा है, वह यह है कि कई छात्रों के पास इन ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के लिए जरूरी संसाधन नहीं है। इसमें स्मार्ट फोन, लैपटॉप या इंटरनेट जैसे संसाधन प्रमुख हैं।