A force acts between sodium and chloride ions of salt when put 1 cm apart in air
Answers
Answered by
0
वातावरण:
टेलीविजन पाठ के समय कक्षा में पूरी शांति कायम रहती है । कमरे के दरवाजे बन्द कर दिए जाते हैं । विद्यार्थियों को अध्यापकों चढ़ी त्यौरियों का सामना नहीं करना पड़ता । कक्षा में पूरा अनुशासन रहता है ।
ADVERTISEMENTS:
अधिकांश विद्यार्थी अपने-अपने नोट्स लेते रहते हैं । उन्हें सजा पाने या डाटे जाने का कोई भय नहीं रहता । दूसरे शब्दों में उनका मन स्थिर रहता है और इसलिए वे पाठ को भली-भाँति समझ लेते है । विद्यार्थियों को और क्या चाहिए ? शिक्षक का लक्ष्य प्राप्त हो जाता है । पाठ के दौरान विद्यार्थी बड़े मनोयोग से पढ़ाई में लगे रहते हैं ।
टेलीविजन पाठ की समाप्ति पर:
ज्यों ही टेलीविजन पर पाठ समाप्त हो जाता है, कक्षा के दरवाजे खोल दिए जाते हैं । विद्यार्थियों को कुछ देर के लिए आराम करने दिया जाता है । उसके बाद अध्यापक और विद्यार्थियों के बीच उस पाठ के बारे में विचार-विमर्श होता है । इस विचार-विमर्श में शिक्षक को यह देखकर कभी-कभी अचम्भा होता है कि पिछली बैंचो पर बैठने वाले कमजोर विद्यार्थी तक उसके प्रश्नों का ठीक उत्तर दे देते हैं ।
टेली क्लब:
हर स्कूल में एक टेली क्लब होता हे । कुछ चूने हुए अध्यापक तथा बस्ती के कुछ संभ्रान्त लोग इसके सक्रिय सदस्य होते है । वे महीने में कम से कम दो बार एकत्र होते हैं और कार्यक्रमों के विषय में आपसी चर्चा करते है और अपने सुझावों को दूरदर्शन कार्यालय में भेजते हैं ।
उनके सुझावों को ध्यान में रखकर दूरदर्शन के अधिकारीगण आगामी पाठों और शिक्षण की सहायक सामग्री आदि के उपयोग में अपेक्षित सुधार करते रहते है ।
उपसंहार:
शीघ्र ही टेलीविजन द्वारा शिक्षा का आशातीत प्रसार हो जायेगा । इस समय विशाल देश की आवश्यकताओं के अनुरूप सरकार के पास टेलीविजन सेटों को खरीदने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है । इसलिए इसे देश के सभी भागों तक पहुचने में समय लगेगा ।
फोर्ड फाउन्डेशन ने दिल्ली के स्कूलों के लिए कुछ टेलीविजन सेट नि:शुल्क उपलब्ध कराये हैं । ज्यों-ज्यों धन की व्यवस्था होती जायेगी, इनका प्रसार बढ़ जायेगा । भारत के बहुत-से स्कूलों के पास इतनी धनराशि नहीं है कि वे टेलीविजन सेट खरीद सके ।
टेलीविजन द्वारा शिक्षा प्रदान करने के मार्ग में अभी कुछ कमियाँ है । कुछ महत्वपूर्ण विषयो पर अनेक पाठ अभी तैयार किए रवाने हैं । इनकी तैयारी में शिक्षण सामग्री आदि का अभाव है । फिर भी हमें आशा है कि निकट भविष्य में भारत के कोने-कोने में अधिकाधिक टेलीविजन सेट लेग जायेंगे, जिनसे केवल पढ़ाई का काम ही नहीं लिया जायेगा, वरन् अन्य उपयोगी कार्यक्रम भी देखे जा सकेंगे ।
आजकल कुछ धनवान व्यक्ति ही अपने निजी टेलीविजन सेट खरीद पाये हैं । हमें आशा करनी चाहिए निकट भविष्य में ही सरकार के प्रयत्नों से समूचे देश में रेडियो सेटों की भाँति ही टेलीविजन सेट भी सुलभ हो जायेंगे और तब इनके माध्यम से शिक्षा और भी आसान हो जायेगी ।
टेलीविजन पाठ के समय कक्षा में पूरी शांति कायम रहती है । कमरे के दरवाजे बन्द कर दिए जाते हैं । विद्यार्थियों को अध्यापकों चढ़ी त्यौरियों का सामना नहीं करना पड़ता । कक्षा में पूरा अनुशासन रहता है ।
ADVERTISEMENTS:
अधिकांश विद्यार्थी अपने-अपने नोट्स लेते रहते हैं । उन्हें सजा पाने या डाटे जाने का कोई भय नहीं रहता । दूसरे शब्दों में उनका मन स्थिर रहता है और इसलिए वे पाठ को भली-भाँति समझ लेते है । विद्यार्थियों को और क्या चाहिए ? शिक्षक का लक्ष्य प्राप्त हो जाता है । पाठ के दौरान विद्यार्थी बड़े मनोयोग से पढ़ाई में लगे रहते हैं ।
टेलीविजन पाठ की समाप्ति पर:
ज्यों ही टेलीविजन पर पाठ समाप्त हो जाता है, कक्षा के दरवाजे खोल दिए जाते हैं । विद्यार्थियों को कुछ देर के लिए आराम करने दिया जाता है । उसके बाद अध्यापक और विद्यार्थियों के बीच उस पाठ के बारे में विचार-विमर्श होता है । इस विचार-विमर्श में शिक्षक को यह देखकर कभी-कभी अचम्भा होता है कि पिछली बैंचो पर बैठने वाले कमजोर विद्यार्थी तक उसके प्रश्नों का ठीक उत्तर दे देते हैं ।
टेली क्लब:
हर स्कूल में एक टेली क्लब होता हे । कुछ चूने हुए अध्यापक तथा बस्ती के कुछ संभ्रान्त लोग इसके सक्रिय सदस्य होते है । वे महीने में कम से कम दो बार एकत्र होते हैं और कार्यक्रमों के विषय में आपसी चर्चा करते है और अपने सुझावों को दूरदर्शन कार्यालय में भेजते हैं ।
उनके सुझावों को ध्यान में रखकर दूरदर्शन के अधिकारीगण आगामी पाठों और शिक्षण की सहायक सामग्री आदि के उपयोग में अपेक्षित सुधार करते रहते है ।
उपसंहार:
शीघ्र ही टेलीविजन द्वारा शिक्षा का आशातीत प्रसार हो जायेगा । इस समय विशाल देश की आवश्यकताओं के अनुरूप सरकार के पास टेलीविजन सेटों को खरीदने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है । इसलिए इसे देश के सभी भागों तक पहुचने में समय लगेगा ।
फोर्ड फाउन्डेशन ने दिल्ली के स्कूलों के लिए कुछ टेलीविजन सेट नि:शुल्क उपलब्ध कराये हैं । ज्यों-ज्यों धन की व्यवस्था होती जायेगी, इनका प्रसार बढ़ जायेगा । भारत के बहुत-से स्कूलों के पास इतनी धनराशि नहीं है कि वे टेलीविजन सेट खरीद सके ।
टेलीविजन द्वारा शिक्षा प्रदान करने के मार्ग में अभी कुछ कमियाँ है । कुछ महत्वपूर्ण विषयो पर अनेक पाठ अभी तैयार किए रवाने हैं । इनकी तैयारी में शिक्षण सामग्री आदि का अभाव है । फिर भी हमें आशा है कि निकट भविष्य में भारत के कोने-कोने में अधिकाधिक टेलीविजन सेट लेग जायेंगे, जिनसे केवल पढ़ाई का काम ही नहीं लिया जायेगा, वरन् अन्य उपयोगी कार्यक्रम भी देखे जा सकेंगे ।
आजकल कुछ धनवान व्यक्ति ही अपने निजी टेलीविजन सेट खरीद पाये हैं । हमें आशा करनी चाहिए निकट भविष्य में ही सरकार के प्रयत्नों से समूचे देश में रेडियो सेटों की भाँति ही टेलीविजन सेट भी सुलभ हो जायेंगे और तब इनके माध्यम से शिक्षा और भी आसान हो जायेगी ।
Answered by
0
QUESTION IS INCOMPLETE........................
Similar questions
Biology,
6 months ago
Science,
6 months ago
Social Sciences,
6 months ago
Math,
1 year ago
Economy,
1 year ago