Hindi, asked by ahmmedmuhammed3351, 8 months ago

अंग अंग दहता का भाव और रत्नाकर किसे कहते हैं

Answers

Answered by shabanaali4928354
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प्रश्न 15-1: निम्नलिखित प्रष्नों के उत्तर दीजिए।

(क). पहले पद में भगवान और भक्त की जिन-जिन चीजों से तुलना की गई है, उनका उल्लेख कीजिए।

(ख). पहले पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों के प्रयोग से नाद सौंदर्य आ गया है, जैसे पानी, समानी आदि इस पद के अन्य तुकांत शब्द छाँटकर लिखिए।

(ग). पहले पद में कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्ध हैं । ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए।

(घ). दूसरे पद में कवि ने ‘ गरीब निवाजु’ किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।

(ड). दूसरे पद की ‘ जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

(च). रैदास जी ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा है?

(छ). निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए।

मोरा, चंद, बाती, जोति, बरै, राती, छत्रु, धरै, छोति, तुही, गुसईआ

उत्तर 15-1

उत्तर (कः) पहले पद में भगवान की तुलना चंदन, बादल, दीपक, मोती तथा स्वामी से की गई है औेर भक्त की तुलना पानी, चकोर, बाती, धागा और दास से की गई है

उत्तर (ख:) अन्य तुकांत शब्द निम्न प्रकार हैं ।

मोरा-चकोरा, बाती-राती, धागा-सुहागा, दासा-रैदासा

उत्तर (ग:)

उदाहरण: दीपक बाती

मोती - धागा

घन - मोर

चंद - चकोर

स्वामी - दास

उत्तर (घ:) दूसरे पद में कवि ने ‘ गरीब निवाजु’ अपने आराध्य ईश्वर को कहा है, जो दीन दुखियों पर दया करने वाला है और उसके मस्तक पर मुकुट सुन्दर लग रहा है ।

उत्तर (ड:) कवि का कहना है कि जिन लोगों को समाज अछूत मानता है, जिसके छूने मात्र से ही लोग अपवित्र हो जाते हैं और कुलीन लोग भी उन पर दया नहीं करते। जो समाज के द्वारा उपेक्षित हैं दया के पात्र हैं। हे ईश्वर आप उन पर दया करने वाले हो उनका उद्धार करने वाले हो।

उत्तर (च:) रैदास जी ने अपने स्वामी को लाल, गुसाईं, गोविंद, तथा हरिजी आदि नामों से पुकारा है।

उत्तर (छ:)

शब्दों के प्रचलित रूप:-

शब्द - प्रचलित रूप

मोरा - मोर , मयूर

बाती - बत्ती

चंद - चन्द्र , चंद्रमा

जोति - ज्योति

बरै - जलती है

छत्रु - छत्र

छोति - छूत, छूना

गुसइयाँ - गुसांई, गोसाईं

राती - रात्रि, रात

धरै - धारण करता है

तुहीं - तुम्ही

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