Hindi, asked by yuvrajkmr3209, 11 months ago

अंग्रेजों पर सबसे पहले किसने बंदूक उठाई थी गोरों की लाश बिछा कर तू सीने पर गोली खाई

Answers

Answered by mscheck980
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Answer:

अंग्रेजों पर सबसे पहले 'मंगल पाण्डे' बंदूक उठाई थी।

Explanation:

मंगल पांडे  का जन्म उत्तरी भारत में पूर्वी उत्तर प्रदेश के फैजाबाद ग्राम में दिवाकर पांडे के परिवार में  हुआ था। जन्म से ही हिंदू धर्म पर उनका बहुत विश्वास था, उनके अनुसार हिंदू धर्म श्रेष्ठ धर्म था।

20 मार्च 1857 को सैनिकों को एक नये प्रकार के कारतूस  दिए गए, इन कारतूसों को मुंह में दांतों में दबा कर खोला जाता था, ये गाय और सूअर की चरबी से चिकने किए गए थे, ताकि हिंदू और मुस्लिम सैनिक धर्म के प्रति अनुराग छोड़ कर, धर्म विमुख हों।

29 मार्च सन 1857 को नये कारतूस के प्रयोग करवाया गया। मंगल पांडे ने ये मानने से से मना कर दिया, और धोखे से धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश के खिलाफ उन्हें भला-बुरा कहा, इस पर अंग्रेज अफसर ने सेना को हुकम दिया की उसे गिरफ्तार किया जाए, सेना ने हुकम नहीं माना। पलटन के सार्जेंट हडसन स्वंय मंगल पांडे को पकड़ने आगे बढ़ा तो, पांडे ने उसे गोली मार दी, इसके बाद जब लेफ्टीनेंट बल आगे बढ़ा तो उसे भी पांडे ने गोली मार दी! मौजूद अन्य अंग्रेज सिपाहियों नें मंगल पांडे को घायल कर पकड़ लिया। उन्होंने अपने अन्य साथियों से उनका साथ देने का आह्वान किया। किन्तु उन्होंने उनका साथ नहीं दिया।

उन पर मुकदमा (कोर्ट मार्शल) चलाकर 6 अप्रैल 1857 को मौत की सजा सुना दी गई। 18 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी की सजा मिलनी थी। किंतु इस निर्णय की प्रतिक्रिया विकराल रूप न ले सके, इस रणनीति के तहत ब्रिटिश सरकार ने मंगल पांडे को दस दिन पूर्व ही 8 अप्रैल सन 1857 को फांसी दे दी।

मंगल पांडेय को 8 अप्रैल, 1857 को फांसी दी गई थी. स्थानीय जल्लादों ने मंगल पांडेय को फांसी देने से मना कर दिया था. इसके बाद कोलकाता से चार जल्लादों को बुलाकर इस फौजी को फाँसी दी गई.

लेकिन ये शायद कम लोगों को ही पता है कि 19 जुलाई 1827 को जन्मे मंगल पांडेय ने फांसी से कई दिन पहले खुद की जान लेने की कोशिश की थी. और, इस कोशिश में वह गंभीर रूप से ज़ख्मी भी हुए थे.

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