अंग्रेजों पर सबसे पहले किसने बंदूक उठाई थी ? "वीरों की शरण स्थली था उस देवस्वरूप का कुटीर।"
Answers
Answer:
mangal Pandey me sabse pahle bandook uthayi
अंग्रेजों पर बंदूक सबसे पहले मंगल पांडे ने उठाई थी।
गोरों की लाश बिछाकर फिर सीने पर गोली खाई थी।
दुर्गा देवी नाम था उस तेजस्विनी का,
भाभी कहते थे जिसको क्रांतिवीर।
वीरों की शरण स्थली था,
उस देवीस्वरूपा का कुटीर।
Explanation:
मंगल पांडे को भारतीय स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत करने का श्रेय जाता है और वही भारत की स्वाधीनता संग्राम के प्रथम शहीद माने जाते हैं। 1857 के भारत के पहले स्वाधीनता संग्राम में मंगल पांडे ने ही सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले बंदूक उठाई थी। इस संग्राम का आरंभ मंगल पांडे की शहादत के साथ ही शुरू हुआ था। मंगल पांडे ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इन्फेंट्री के एक सिपाही थे। उनका जन्म उस समय के संयुक्त प्रांत के बलिया नामक जिले में हुआ था।
आजादी की लड़ाई में जितनी महिलाओं का योगदान रहा है, उनमें रानी लक्ष्मीबाई, सरोजनी नायडू, बेगम हजरत महल आदि का तो नाम प्रसिद्ध है ही, तो दुर्गा देवी का नाम भी उतना ही प्रसिद्ध है। वह यह बहादुर महिला थी और स्वतंत्रता सेनानियों की मदद करने मैं मैं कभी भी पीछे नहीं रहीं। दुर्गा देवी एक ऐसी महिला थी जिनके घर क्रांतिकारी जब तक आते रहते थे और उनका घर बन गया था |
क्रांतिकारियों की शरणस्थली बन गया था। दुर्गा देवी का जन्म 7 अक्टूबर 1907 को इलाहाबाद में हुआ था। उनका विवाह मात्र 8 वर्ष की आयु में भगवती चरण नागर से हुआ था, जो स्वयं एक क्रांतिकारी थे। विवाह के पश्चात भी दुर्गादेवी भी अपने क्रांतिकारी पति की क्रांतिकारी गतिविधियों में उनका सहयोग करने लगीं। उनके घर क्रांतिकारियों का आना-जाना लगा रहता था और वह किसी भी क्रांतिकारी की कोई भी मदद करने से बिल्कुल भी नहीं चूकती थीं। सारे क्रांतिकारी उन्हें आदरभाव से दुर्गा भाभी कहकर बुलाते थे।