अंग्रेज टीपू सुल्तान से क्यों आग बबूला थे उस लडाई का क्या परिणाम हुआ
Answers
1785 में टीपू सुल्तान ने अपनी रियासत में पड़ने वाले सभी बंदरगाहों की चंदन की लकड़ी, काली मिर्च और इलायची का निर्यात रोक दिया था। सुल्तान ने एक स्थानीय सौदागरों को भी कंपनी के साथ कारोबार करने से रोक दिया था। टीपू सुल्तान ने भारत में रहने वाले फ्रांसीसी व्यापारियों से गाने संबंध विकसित करने लगा और उनकी मदद से उसने अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया। सुल्तान के इन कदमों से अंग्रेज एकदम आग बबूला हो गए उन्हें और खतरनाक दिखाई देने लगा।
Explanation:
टीपू की कहानियाँ सुल्तान के इन कदमों से अंग्रेज़ आग-बबूला हो गए। उन्हें हैदर अली और टीपू सुल्तान बहुत महत्वाकांक्षी, घमण्डी और खतरनाक दिखाई देते थे। अंग्रेज़ों को लगता था कि ऐसे राजाओं को नियंत्रित करना और कुचलना ज़रूरी है। फलस्वरूप, मैसूर के साथ अंग्रेजों की चार बार जंग हुई (1767-69, 1780-84, 1790-92 और 1799)।