Hindi, asked by osaisiddharth, 6 hours ago

अंग्रेज़ों के भारत आगमन से पूर्व भारत के गाँव अपने आप में लगभग एक स्वतंत्र इकाई थे । प्रत्येक भारतीय गाँव आत्मनिर्भर था । भारतीय ग्रामीण जीवन सीधा-सादा था । कृषि पर आधारित होने के कारण अधिकांश ग्रामीण केवल खेती करते थे । अकाल, बाढ़ आदि प्राकृतिक तबाहियों से जब उनकी खेती चौपट होती, तो उनके रहन-सहन का ढंग भी तत्काल बदल जाता था । ऐसे में हस्त- शिल्पकारों को कहीं दूर जाकर कमाने की आवश्यकता होती थी और ज़मीन से न बँधे होने के कारण वे जहाँ चाहें, जा भी सकते थे, परंतु ऐसा जीवन जीने की अपेक्षा लोग अपनी ज़मीन पर खेती करना चाहते थे, और ज़मीन की कोई कमी नहीं थी।




प्रश्न:
1. भारत में अधिकांश लोग किस पर आधारित थे, और वे लोग क्या करते थे?
2. ग्रामीण लोगों का रहन-सहन ढंग क्यों बदल जाता था?
3. हस्त-शिल्पकारों को दूर जाकर कमाने की आवश्यकता क्यों होती थी?​

Answers

Answered by wwwsarasgujar
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Answer:

Explanation:

1) कृषि पर आधारित

2) अकाल, बाढ़ आदि प्राकृतिक तबाहियों

3) अकाल, बाढ़ आदि प्राकृतिक तबाहियों से जब उनकी खेती चौपट होती, तो उनके रहन-सहन का ढंग भी तत्काल बदल जाता था । ऐसे में हस्त- शिल्पकारों को कहीं दूर जाकर कमाने की आवश्यकता होती थी

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