History, asked by tandanchunu, 6 months ago

अंग्रजों में भारत में सफाई एवं स्वच्छता पर क्यों ध्यान दिया कारणों को लिखिए​

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Answered by ayushnegi878787
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konsa board ICSE ya phir CBSC

Answered by siyu89
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Answer:

68वें स्वाधीनता-दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमन्त्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी का ‘हर नागरिक के लिए शौचालय’ का आह्वान वास्तव में ‘शौचालय’ पर एक बहुत ही उत्साहजनक निर्णय है, जो स्वतन्त्रता के बाद से देश के किसी भी प्रधानमन्त्री ने पहले कभी नहीं किया। 2019 में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती से पहले देश के प्रत्येक नागरिक के लिए शौचालय की व्यवस्था और स्वच्छ भारत पर राष्ट्रीय अभियान के लिए प्रधानमन्त्री की घोषणा साहसिक और सराहनीय कदम है।

प्रधानमन्त्री ने बड़े औद्योगिक और व्यावसायिक घरानों का आह्वान किया कि वे अपने ‘सामाजिक उत्तरदायित्व’ को समझें और अपने लाभों का एक हिस्सा स्वच्छता-विकास के लिए खर्च करें। देश के लोगों और व्यवसायियों ने दशकों से चली आ रही स्वच्छता की समस्या को हल करने के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता दर्शायी है, जिसमें सुलभ इन्टरनेशनल भी शामिल है, और वे प्रधानमन्त्री की प्रतिबद्धता से बहुत प्रसन्न हुए हैं।

देश को वर्ष 2019 तक अपने सभी नागरिकों में से कम-से-कम 57 प्रतिशत के लिए सुरक्षित स्वच्छता की व्यवस्था करनी होगी। लेकिन कुल घरों में से केवल 46 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 प्रतिशत घरों के भीतर शौचालय हैं (भारत सरकार, 2013), जबकि 59 प्रतिशत जनसंख्या अब भी खुले में शौच करती है (विश्व-स्वास्थ्य-संगठन-यूनिसेफ, 2012), खुले में शौच करना न केवल लोगों को एक गरिमामयी जीवन जीने में बाधक है, बल्कि समुदायों के स्वास्थ्य के लिए व्यापक जोखिम भरा भी है, यह बात देश में प्रति 1,000 शिशुओं के जन्म पर 47 शिशुओं की मृत्यु की दर से स्पष्ट हो जाती है, ग्रामीण क्षेत्रों में यह आँकड़ा 51 प्रतिशत होता है, जहाँ पर ये ज्यादातर मौतें डायरिया-जैसे पानी-जनित रोगों के कारण होती हैं, (भारत-सरकार, 2010) इन स्वास्थ्य-जोखिमों से चिकित्सा-खर्चों और उत्पादक दिवसों की हानि का दृष्टिगत व्यापक वित्तीय बोझ पड़ता है, स्कूल-स्वच्छता में पर्याप्त मासिक धर्म स्वास्थ्य-प्रबंधन-प्रणालियों की सहायता से किए गए सुधारों ने बालिकाओं की अनुपस्थिति में कमी लाने और शैक्षणिक परिणामों में सुधार लाने में मदद मिली है।

सुलभ और इसकी सहयोगी संस्थाएँ लाभ-हानि रहित गैर-सरकारी संस्थान हैं और सार्वजनिक हित में वैश्विक पर्यावरणीय स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सेवारत हैं। सुलभ का प्रमुख जोर क्षमता-निर्माण, कौशल-उन्नयन, ज्ञान के आदान-प्रदान, प्रौद्योगिकी-हस्तांतरण के जरिए स्थाई जल एवं स्वच्छता-सुविधाओं में योगदान करना और विकासशील विश्व में साधनों से वंचित अरबों की जनसंख्या के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सामाजिक परिवर्तन लाने पर है।

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