a girl with a basket Hindi story
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लेखक, विलियम सी डगलस, सन 1950 में भारत भ्रमण पर आए और वहां हिमालय में स्थित ब्रिटिश सेना के पुराने पहाड़ी स्टेशन, रानीखेत गए | जिस रेल से उन्होंने अपनी यात्रा प्रारम्भ की, वह धीमी गति से चलती थी | तथा रास्ते में आने वाले सभियो स्टेशनों पर रूकती थी | सभी स्टेशनों पर लेखक ट्रेन से उतारकर स्टेशन पर आ जाते थे |
प्रेरणा दायक कहानी
भीड़ भरा प्लेटफार्म
लेखक सभी चीजों को बहुत ध्यान से देखने वाला व्यक्ति था | उन्होंने देखा की प्लेटफार्म भिन्न प्रकार के लोगो – सिक्खों, मुस्लिम, हिन्दू, सैनिक, व्यापारी, पुजारी, कुली, भिखारी, फेरी वालों आदि से भरा हुआ है | उन्होंने ध्यान दिया कि लगभग सभी व्यक्ति नंगे पैर थे और उन्होंने सफ़ेद ढीले-ढाले कपड़े पहने हुए थे | उन लोगों के पास जूते खरीदने के लिए शायद पर्याप्त पैसे नहीं थे | लेखक ने स्टेशन पर लोगों से बात की तथा वे किसी ऐसे व्यक्ति को खोज रहे थे जो उनसे इंग्लिश में बात कर सके | क्योंकि वह लोगों के विचारों को जानना चाहते थे परन्तु उन्हें हिंदी नहीं आती थी |
ग्रामीण भारत का चित्रित वर्णन
रेल गंगा नदी के ऊपरी मैदानी भाग के मध्य से गुजर रही थी | किनारों के ऊपर बहते गंगा के जल ने हज़ारों एकड़ तक फैली धान की फसलों को जलमग्न कर दिया था | लेखक ने जंगलों का वर्णन किया है जिसमे दूर-दूर तक लम्बी घास फैली हुई थी, जोकि किसी मनुष्य से भी ज्यादा ऊँचें थे | जिसमे अलग-अलग प्रकार के जानवर निवास कर सकते है | जैसे – बाघ, हाथी, अजगर, एवं सांप आदि |
सभी जगह लेखक को आगे बढ़ने पर समतल मैदानी भू-भाग पर उगे हुए बरगद और पाकड़ के पेड़ दिखाई पड़ रहे थे | बहुत ही गर्म हवाएं चल रही थी | इसके अतिरिक्त लेखक ने स्टेशन पर भोजन की खोज में बंदरों के एक समूह को अपने बच्चों के साथ भटकते भी देखा | लेखक भारत के ग्रामीण घरों का भी वर्णन करता है | घरों की दीवारें मिटटी, गाय-भैसों के गोबर और पानी को मिलाकर बनाई हुई थी | उन्होंने छप्परों पर कददू की लताओं को भी देखा |
शरणार्थी बच्चे
एक स्टेशन पर, बच्चों की भीड़ ने लेखक को चारों तरफ से घेर लिया | वे बच्चे टोकरियाँ व् पंखें आदि बेच रहे थे | वे शरणार्थी बच्चे थे | लेखक ने उन बच्चों की मदद करने के लिए उनसे बहुत-सी वस्तुएँ खरीदी | उन बच्चों में नौ साल की एक खुबसूरत लड़की भी थी, जिसने लेखक से अपनी टोकरी खरीद लेने का आग्रह किया | लेकिन लेखक ने पहले से ही बहुत-सी वस्तुएँ खरीद ली थी | इसलिए लेखक ने उस बच्ची की मदद करने के लिए उसकी टोकरी में कुछ पैसे रख दिए | वह लड़की, जो गरीब थी, उसने लेखक के पैसे गर्व के साथ एवं शालीनता के साथ लौटा दिए | ये विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आए लोगो के बच्चे थे |
भारत के लोग
उनमे आज़ादी के लिए एक जुनून होता है | उस लड़की ने भारतीय जनता की ईमानदारी सही रूप में दर्शाई है |