Hindi, asked by aakarshbommaraju2, 2 months ago

A hindi poem about Akta shakti
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Answered by brainly0055
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Answer:

मज़दूर एकता के बल पर हर ताक़त से टकराएँगे / कांतिमोहन 'सोज़'

मज़दूर एकता के बल पर हर ताक़त से टकराएँगे । हर आँधी से हर बिजली से हर आफ़त से टकराएँगे ।। कब ज़ुल्मो-सितम की ताक़त से घबराकर ज़ेर हुए हैं हम । तुम जितना हमें दबाओगे हम उतना बढ़ते जाएँगे ।

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