A hindi poem on nature ? minimum 12 lines, maximum 15 lines
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कितनी सुंदर, कितनी न्यारी,
कितनी प्यारी है ये प्रकृति हमारी।
खुशियों का भंडार भरा है,
धरती माँ का प्यार बड़ा है,
पानी का उपकार बड़ा है,
इससे संसार हरा भरा है।
ये पर्वत, ये नदियाँ, ये पेड़, ये वन,
सुंदर बाग बगीचे, और हवा के ये मीठे झोंके,
बनाते हैं हमारे जीवन को सुखद,
इस बात को सभी लेते हैं मान।
प्रकृति है एक वरदान,
इसने दी हैं हमें खुशियाँ महान।
आओ इसे दें हम उच्च सम्मान,
आओ करें हम इसका गुण गान।
कितनी प्यारी है ये प्रकृति हमारी।
खुशियों का भंडार भरा है,
धरती माँ का प्यार बड़ा है,
पानी का उपकार बड़ा है,
इससे संसार हरा भरा है।
ये पर्वत, ये नदियाँ, ये पेड़, ये वन,
सुंदर बाग बगीचे, और हवा के ये मीठे झोंके,
बनाते हैं हमारे जीवन को सुखद,
इस बात को सभी लेते हैं मान।
प्रकृति है एक वरदान,
इसने दी हैं हमें खुशियाँ महान।
आओ इसे दें हम उच्च सम्मान,
आओ करें हम इसका गुण गान।
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Answer:
सुन्दर रूप इस धरा का,
आँचल जिसका नीला आकाश,
पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक,2
उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज
नदियों-झरनो से छलकता यौवन
सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया श्रृंगार
खेत-खलिहानों में लहलाती फसले
बिखराती मंद-मंद मुस्कान
हाँ, यही तो हैं,……
इस प्रकृति का स्वछंद स्वरुप
प्रफुल्लित जीवन का निष्छल सार
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