Hindi, asked by sumi5771, 12 hours ago

A hindi poem starting with the line घङी की टिक टिक कहती हमसे

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Answered by kailashmachiwale91
1

Answer:

abcd

Explanation:

hope it helps you

mark me as brainleist plz

Answered by koushikaarya0016
0

घड़ी की सुई

दौड़तीं, भागती, शोर मचाती

हर पल बस चलती ही जाती

समय बहुत अनमोल है

हमेशा बस यहीं राग सुनाती

कुछ भी अदले कुछ भी बदले

पर यह बस हर पल चलती जाती

कोई कहे इसको सर्वस्व

कोई इसी से निकाले निष्कर्ष

कही किस्मत मापने का उपकरण

तो कभी टाइमपास का मन्त्र

टिक टिक टिक टिक

घड़ी की सुई

दौड़तीं, भागती, शोर मचाती

हर पल बस चलती ही जाती

इसका रूकना भी शिक्षा देता कि

कुछ भी 100% गलत नहीं होता

बन्द पड़ी भी दिन मे दो बार

अनायास ही सही कहलाती

टिक टिक टिक टिक

घड़ी की सुई

दौड़तीं, भागती, शोर मचाती

हर पल बस चलती ही जाती

खुशी के लम्हे छोटे करके

उदासीन लम्हों को लम्बा बनाती

कभी मिनटों में घंटे बीत जाते

तो कभी मिनटों को ही घंटे बनाती

खुशी और दुख की परिभाषा बन जाती

टिक टिक टिक टिक

घड़ी की सुई

दौड़तीं, भागती, शोर मचाती

हर पल बस चलती ही जाती

सबके लिए एक सा चलती

सबको साथ में लेकर चलती

फिर भी हर किसी के लिए

एक अलग मुकाम है चुनती

शिक्षा सिर्फ इतनी, कि चलते रहना

हमेशा वक्त नहीं एक सा रहना

टिक टिक टिक टिक

घड़ी की सुई

दौड़तीं, भागती, शोर मचाती

हर पल बस चलती ही जाती ।

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