India Languages, asked by pvarshney4982, 11 months ago

A hindi story having 25 lokoktiya in it

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Answered by nishachawla
0

hey...mate

what do you mean...?

Answered by nigam708
0

Answer:

1

अंगूर खट्टे हैं

यह बड़ी मशहूर कहावत है। इसका एक दूसरा रूप है-‘खट्टे अंगूर कौन खाए ?’

जंगल में भूख से व्याकुल एक लोमड़ी भागकर अंगूर के बाग में पहुँची। वहाँ अंगूर गुच्छों में लटक रहे थे, पर थे काफी ऊँचे। लोमड़ी बहुत उचक और उछलकर भी गुच्छों तक न पहुँच पाई। कोई सियार यह सब देख रहा था। उसने पूछा, ‘‘बूआ, क्या बात है ?’’

अपनी असमर्थता छिपाने के लिए वह बोली, ‘‘अंगूर खट्टे हैं।’’

संस्कृत में कहा गया है-

‘‘अशक्तस्तत्पदं गन्तुं ततो निन्दां प्रकुवर्तते।’’

-कोई पद पाने में असमर्थ होने पर उसकी बुराई करते हैं।

2

अंधों का हाथी

किसी गाँव में चार अंधे रहते थे। उन्होंने गाँव में हाथी आने की खबर सुनी। वे रास्ता पूछते-पूछते हाथी के पास पहुँचे। महावत से बोले, ‘‘भैया, जरा हाथी को कब्जे में रखना, हम उसे 3 टटोलकर देखेंगे।’’

महावत ने सोचा-इसमें मेरा क्या बिगड़ता है, इन अंधे गरीबों का मन रह जाएगा। बोला, ‘‘खुशी से देखो।’’

अंधे हर चीज को हाथ से टटोलकर ही देखते हैं। एक ने अपना हाथ बढ़ाया तो हाथी के कान पर पड़ा। बोला, ‘‘हाथी तो सूप की तरह होता है।’’

दूसरे का हाथ उस हाथी के पाँव पर पडा। बोला, ‘‘नहीं, हाथी खंभे सा होता है।’’

तीसरे के हाथ के सामने सूँड़ आई। उसने कहा, ‘‘नहीं-नहीं, वह तो मोटे रस्से जैसा होता है।’’

चौथे का हाथ हाथी के पेट पर पड़ा। वह कहने लगा, ‘‘तुम सब गलत कहते हो, हाथी तो एकदम मशक सा होता है।’’

चारों अपनी-अपनी बात पर अड़ गए और लगे लड़ने-झगड़ने। हर एक अपनी ही हाकता, दूसरे की नहीं सुनता था। एक समझदार आदमी पास खड़ा-खड़ा इनकी सब हरकतें देख-सुन रहा था। उसने अपने मन में लड़ाई का बड़ा अच्छा नतीजा निकाला कि दरअसल, हर एक अपनी-अपनी जगह पर सही है, बशर्ते कि इनकी समझ में आ जाए कि हमने पूरे हाथी को नहीं, हाथी के सिर्फ एक अंग को ही देखा है। फिर तो सारा झगड़ा समाप्त हो जाए। इसलिए पूरी बात नहीं समझ पाने पर लोग ‘अंधों का हाथी’ कहते हैं।

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