Hindi, asked by ramkumarishriwas, 5 months ago

अंक 05
प्र0 20-निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता
फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही
बदल गया है। यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे
ईष्या करते हैं। मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है। धन्य है मनुष्य का जीवन ।
(1) उपर्युक्त गद्याश का उचित शीर्षक लिखिए।
(11) उपर्युक्त गद्याश का सारांश लिखिए।
(1) मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया है?
मक्ति हेत आवेदन-पत्र लिखिए
or​

Answers

Answered by shivamuikey50
5

Answer:

(1) शीर्षक- 'मनुष्य और कर्म' ।

(1) सारांश - मानव ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है । यद्यपि मानव जीवन कदम - कदम पर कठिनाइयों और संघर्षों की अनवरत कहानी है किंतु ईश्वर द्वारा पृथ्वी पर मानव की रचना एक वरदान जैसी है । पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति से धरती का स्वरूप पूर्णतः बदल गया है और उसका सबसे बड़ा कारण है मानव का कर्म प्रधान व्यवहार । वास्तव में यह दुनिया ऐसे लोगों के कारण ही इतनी सुंदर है जो कर्म को अपना धर्म मानते हैं । देवता तक ऐसे कर्मशील व्यक्तियों से ईर्ष्या करते हैं , या कहें प्रेरित होते हैं । मानव जन्म मात्र अपने कर्म कौशल के कारण ही सभी जीव जंतुओं में सर्वश्रेष्ठ माना गया है । ऐसे कर्म के धनी मानव जीवन की जय है ।

(1) मनुष्य अपने कर्म- बल के कारण श्रेष्ठ माना गया है ।

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