(अंक
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10. क) 'घर की याद' कविता में कवि ने पिताजी के व्यक्तित्व की किन विश
है लिखिए-
(ख) मीरा को भक्ति मार्ग में किन-किन बाधाओं का सामना करना पड़ा ?
अथवा
कबीर के धार्मिक विचारों पर प्रकाश डालिए-
11. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
"मियाँ नसीरूद्दीन ने आँखों के कंचे हम पर फेंक दिए। फिर तररेकर बोल- 'क्या मतलब ।
पूछिए साहब- नानबाई इल्म लेने कहीं और जाएगा ? क्या नगीनासाज़ के पास ? क्या आईनास
पास ? क्या मीना साज़ के पास ? या रफूगर, रंगरेज या तेली-तंबोली से सीखने जाएगा? व
फरमा दिया साहब यह तो हमारा खानदानी पेशा ठहरा। हाँ, इल्म की बात पूछिए तो जो कुछ
सीखा, अपने वालिद उस्ताद से ही। मतलब यह कि हम घर से न निकले कि कोई पेशा आख्तिर
करेंगे। जो बाप-दादा का हुनर था वही उनसे पाया और वालिद मरइम के उठ जाने पर आ है
उन्हीं के ठीये पर।"
(क) नसीरूद्दीन के खानदान का पेशा क्या था ? उसने अपनी आजीविका के लिए कौन-सा धं
अपनाया?
(अंक
(ख) नसीरूद्दीन ने नानबाई का धंधा किससे सीखा ?
(अंक
(ग) उक्त गद्यांन के आधार पर कुछ खानदानी धंधों के नाम गिनाइये।
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(3+3+3+3-11
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sorry I don't understand
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10 k answers upar hai
11=नसीरूद्दीन के खानदान का नानबाई का पेशा था
isliye ve bhi yahi kiya karte the.
2)unhone apna pita se sikhi thi.
3)रफूगर, रंगरेज या तेली-तंबोली
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