अंकेक्षणाची उद्दिष्टे स्पष्ट करा
Answers
Answer:
प्राचीन काल में व्यापार बहुधा बहुत छोटे पैमाने पर होता था। अतः लेखों की महत्ता व आवश्यकता नहीं समझी गई। लेखा व्यवसाय के इतिहास में सन् 1494 का वर्ष क्रान्ति लेकर आया जब दोहरा लेखा प्रणाली का प्रादुर्भाव हुआ। लेखा व्यवसाय की उन्नति वास्तव में व्यापार के विकास के साथ-साथ हुई जब कम्पनी के रूप में व्यापार करने का कार्य प्रारम्भ हुआ। इसी के साथ ब्रिटिश कम्पनी अधिनियम में 1844 में अंकेक्षण को भी वैधानिक मान्यता मिली। प्रारम्भ में कम्पनी अपने सदस्यों में से किसी को भी अंकेक्षक नियुक्त कर सकती थी, बाद में योग्य व स्वतंत्र अंकेक्षक नियुक्त करने हेतु 11 मई 1880 को ब्रिटेन में चाटर्ड एकाउन्टेन्ट संस्थान की स्थापना हुई।
लेखांकन का उद्देश्य तभी सफल होता हैं जबकि वे विश्वसनीय हों। लेखांकन विवरणों की विश्वसनीयता को अंकेक्षण सुनिश्चित करता हैं। आज के आर्थिक परिवेश में, सूचना व जवाबदेही की भूमिका पहले से भी कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुकी है। परिणामस्वरूप एक संस्था के वित्तीय विवरणों का निष्पक्ष अंकेक्षण, निवेशकों, लेनदारों व अन्य सहभागियों की एक महत्वपूर्ण सेवा है।