(A) कृष्ण को मनाने के लिए यशोदा
ने उनके कान में क्या कहा ? उसकी क्या
प्रतिक्रिया हुई ?
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(A) कृष्ण को मनाने के लिए यशोदा
ने उनके कान में क्या कहा ? उसकी क्या
प्रतिक्रिया हुई ?
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कैकेयी और कौशल्या ने भी लिया था वरदान
भगवान कृष्ण अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं और सभी मुश्किलों से बचाते हैं। मानव कल्याण के लिए द्वापर युग में भाद्रपद मास अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु ने देवकी के गर्भ कृष्ण रूप में जन्म लिया और उसके बाद यमुना पारकर मथुरा से गोकुल माता यशोदा के पास आ गए। गोकुल में एक तरफ कृष्ण ने कई राक्षसों का अंत किया तो दूसरी तरफ मनोहर लीलाएं रचीं। कभी माखन चुराया तो कभी मटकी फोड़ी। माता यशोदा ने कृष्ण का लालन-पालन किया और कृष्ण ने उनको पूरे ब्रह्मांड के दर्शन कराए। श्रीमद् भागवत में बताया गया है कि मुक्तिदाता भगवान से जो कृपा प्रशाद नंनदारी यशोदा को मिला, वैसा न ब्रह्मा, शंकर और उनकी पत्नी लक्ष्मीजी को भी प्राप्त नहीं हुआ। लेकिन फिर भी माता योशदा की एक इच्छा ऐसी थी, जो भगवान ने उनके अगले जन्म में पूरी की। आइए जानते हैं माता यशोदा की ऐसी कौन सी इच्छा थी….
2/7 सूर्यग्रहण वाले दिन मिले थे माता यशोदा और कृष्ण
श्रीमद् भागवत के अनुसार, जब भगवान कृष्ण कुरुक्षेत्र की तरफ जा रहे थे तब वह माता यशोदा और नंदबाबा से मिले थे। भगवान कृष्ण को देखकर दोनो रोने लगे और ऐसा लगा कि जैसे उनके शरीर में फिर से जान आ गई हो। जिस दिन कृष्णजी से नंदबाबा और माता यशोदा मिली थीं, उस दिन सूर्यग्रहण था और वे वहां तीर्थ स्थल समांत पंचक के दर्शन करने जा रहे थे।
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3/7 नंदबाबा से भी हुई मुलाकात
समांत पंचक वही तीर्थ स्थल है, जहां हजारों क्षत्रीयों का वध करने के बाद परशुरामजी ने घोर तपस्या की और पश्चाताप किया था। श्रीकृष्ण देवकी और वसुदेव के साथ थे, जहां उनकी मुलाकात यशोदा और नंदबाबा से हुई थी। इस मुलाकात में देवकी और यशोदा गले लगकर बहुत रोईं और उन्होंने अपने सभी गम भुला दिए। इसके बाद एक बार और भगवान कृष्ण की यशोदा माता से मुलाकात हुई थी।
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4/7 माता यशोदा ने बताई अपनी इच्छा
इस मिलन के बाद श्रीकृष्ण माता यशोदा से मिलने तब पहुंचे, जब वह मृत्युशैय्या पर लेटी हुई थीं और अंतिम सांसों में कृष्ण का नाम लिए जा रही थीं। तब उन्होंने कृष्ण से कहा कि लल्ला मुझे केवल एक चीज का पछतावा है, जिसको मैंने आजतक किसी को नहीं बताया। मैं तुम्हारे किसी भी विवाह में शामिल नहीं हो सकी। तब कृष्ण ने कहा मैय्या तुम्हारी यह इच्छा जरूर पूरी होगी। इसके बाद भगवान कृष्ण ने माता यशोदा को गोलोक भेज दिया।
5/7 वकुलादेवी के रूप में लिया जन्म
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता यशोदा का अगला जन्म माता वकुलादेवी के रूप में हुआ। भगवान वेंकटेश्वर (श्रीकृष्ण) ने पद्मावती के साथ विवाह किया था, जिसमें वकुलादेवी शामिल हुई थीं। एकबार भगवान वेंकटेश्वर को चोट लग गई तब वकुलादेवी एक मां की तरह उनकी देखभाल की थी। वकुलादेवी ने ही भगवान विष्णु का नाम श्रीनिवासन रखा था।
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