a कवक हमारे लिए किस प्रकार हानिकारक हैं ? किन्हीं दो तरीकों की व्याख्या कीजिए।
Answers
सभी कवक पर्णहरित विहीन होते हैं. अंत: ये अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते बल्कि विविधपोषी होते हैं. यह संवहन उतक रहित होते हैं इनमें सचित भोजन ग्लाइकोजन के रूप में रहता है. इनकी कोशिका-भिती काइटिन की बनी होती है.
कवक संसार में उन सभी जगहों पर पाये जाते हैं जहां जीवित अथवा मृत कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं. यह खाद्य पदार्थ जैसे रोटी,अचार आदि सभी में पाए जाते हैं.
हानिकारक कवक:-
बहुत से कवक खाने वाले पदार्थों पर उगकर उन्हें नष्ट कर देते हैं जैसे अचार एवं मुरब्बे में फफूंदी लगना.
कुछ कवक कागज एव कपड़ों को नष्ट कर देते हैं जैसे टोरूरा, डीमेटीयम इत्यादि कागज को नष्ट कर देते हैं जबकि पेनिसिलियम अलटारनेरिया इत्यादि कपड़ों को नष्ट कर देते हैं. इन्ही की वजह से कागज और कपडे खराब हो जाते है.
पोरिया, फोमिस तथा मयेलियस इत्यादि कवक लकड़ियों को सड़ाकर खत्म कर देते हैं.
कुछ कवक विधुत तारों एवं विधुत उपकरणों पर उगकर उन्हें नष्ट कर देते हैं.
Answer:
कवक एक प्रकार का जीव होता है जो अपना भोजन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं
Explanation:
हानिकारक कवक
- राइजोपस, पेनीसीलियम जातियाँ भोजन को नष्ट कर देती हैं.
- कवक दैनिक जीवन में उपयोग में आनेवाले वस्तुओं जैसे-कपड़ा, चमड़े, कागज, लकड़ी आदि को नष्ट कर देते हैं.
- सेब के फल का सड़ना, बाजरे का अर्गोट, सरसों का सफ़ेद किट्ट रोग, मूंगफली का टिक्का रोग, चने का विल्ट रोग, गेहूँ का लाल रस्ट, आलू का उत्तरभावी अंगमारी रोग, गन्ने का लाल सड़न रोग, आदि विभिन्न प्रकार के रोग कवकों के द्वारा होते हैं.
- कवक जन्तुओं में भी कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं. मानव में होने वाले एस्पर्जिलेसिस, ओनीको माइकोसिस, हिप्टोप्लाज्मोसिस ,दाद, मेनिनजाइटिस, आदि रोग कवकों द्वारा ही होते हैं|