अ) खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आंधी पानी में डटे रहो तुम अपने पथ पर, हर संकट तूफानों में डिगो न अपने पथ
सकते हो प्यारे तुम भी ऊंचे उठ सकते हो छू सकते हो नभ के तारे अटल रहा जो अपने पथ पर लाख मुसीबत आने
जग में जीने में मर जाने
में जितनी भी बाधाएं आई, उन सब से ही लड़ा हिमालय, इसलिए तो जगती भर में हुआ सत्र
1) खड़ा हिमालय क्या बता रहा है?
2) कभी हमें डटे रहने के लिए क्यों कह रहा है? i want 2answer
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1) -) खड़ा हिमालय हमे यह बता रहा है कि हमे डरना नही चाहिए बल्कि आपने पथ पर डटकर खड़े रहना चाहिए.
2)-) हिमालय हमें डटकर खड़े रहने के लिये कह रहा है क्यों कि हम भी डटकर खड़े राह सकते है हिमालय जैसा , हम भी ऊंचे उठकर नभ को छू सकते है ऐसा हिमालय को लगता है.
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