A medium-length, class 10 student-vocabulary Type HINDI poem on पर्वतारोहण If yeh write properly, I’ll follow u Yo \_/_
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कितने उचे पर्वत है यह, बस फतेह करने की देरी है,
मन में उठता है एक ध्वनि,ये पर्वत मेरी है।
माना कि पर्वत की ऊंचाई है कई गुणा,
पर मेरा हौसला है उससे भी दुना।।
इस पर्वत राज के शीेश पर अपने पद जमाऊंगा।
तब मै भी संसार के दृष्टि मै 'पर्वत राज' कहलाऊंगा।।
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