A nibandh on prathiba in you ???
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प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई क्षमता या प्रतिभा अवश्य होती है, पर हो सकता है कि वह सही समय पर उसे पहचान कर, उसका पूरा सदुपयोग न कर पाए। प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई जन्मजात प्रतिभा अवश्य होती है। यदि हम उसे पहचान सकें तो फिर जीवन में कोई भी आगे बढ़ने में बाधा नहीं बन सकता।
कई बार हम इसी भय से कोई नया कार्य नहीं करना चाहते कि कहीं हम असफल न हो जाएं। यह केवल एक बहाना है, जो आपको किसी भी नए सौदे में सफल नहीं होने देता। हमें स्वयं से निरंतर पूछते रहना चाहिए कि अपनी प्राकृतिक प्रतिभा के पहचानने से हमें क्या लाभ या हानि हो सकती है। एक बार जब यह एहसास हो जाए कि प्राकृतिक प्रतिभा को पहचानने से हमें कोई हानि नहीं होगी तो उसके बाद यह देखना चाहिए कि प्राकृतिक झुकाव को न पहचान कर हम क्या गंवा रहे हैं। हमें यह भी देखना होगा कि जीवन में दूसरों पर दोषारोपण करते रहने से कभी कोई हल नहीं मिलता। हमें स्वयं ही अपनी भूलों का परिणाम भुगतना होता है।छिपी प्रतिभा को पहचानने के लिए यह सोचें कि क्या करने से आपको प्राकृतिक रूप से आनंद व प्रसन्नता प्राप्त होती है। यह प्रबंधन, सार्वजनिक रूप से भाषण देना, किसी भी काम को लगन से करना, खाना पकाना, अच्छे वस्त्र पहनना, जीवन को व्यवस्थित व सरल बनाना, सदैव प्रसन्नचित्त रहना, दूसरों से सहजता से पेश आना या अपना चीयर लीडर बनने जैसी कोई भी बात हो सकती है।
प्रतिभा की पहचान का एक तरीका यह भी हो सकता है कि आप नए विचारों को मुक्त मन से स्वीकारें व उनके लिए अपनी प्रतिक्रिया देखें। जिन कामों को आप पूरी सहजता व सरलता से करते हैं, उन्हें अनदेखा न करें, उनका मोल जानें। यदि किसी काम को बड़ी आसानी से (जैसे सांस लेना) कर पाते हैं तो इसका अर्थ है कि आप उसमें दक्ष हैं। इससे आपको अपनी प्रतिभा पहचानने में सहायता मिलेगी। हो सकता है कि आपको यह बड़ी बात न लगे, पर कोई दूसरा इसे बड़ी उपलब्धि मान सकताl
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