(अ) पाठात् चित्वा पर्यायपदं लिखत-
(क) वनम्
(ख) शृगालः
(ग) शीघ्रम्
(घ) पत्नी
(ङ) गच्छसि
Answers
"(अ) पाठात् चित्वा पर्यायपदं लिखत-
(क) वनम् = काननम्
(ख) शृगालः = जम्बुक:
(ग) शीघ्रम् = सत्वरम्
(घ) पत्नी = भार्या
(ङ) गच्छसि = चलसि "
पर्यायपदं लिखत-
(क) वनम् → काननम्
(ख) शृगालः → जम्बुक:
(ग) शीघ्रम् → तूर्णम् / सत्वरम्
(घ) पत्नी → भार्या
(ङ) गच्छसि → यासि
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
यह प्रश्न पाठ बुद्धिर्बलवती सदा - बुद्धि सदा बलवती होती है नामक प्रसिद्ध कथा ग्रंथ से संपादित करके लिया गया है। इसमें अपने दो छोटे छोटे पुत्रों के साथ जंगल के मार्ग से पिता के घर जा रही बुद्धिमती नामक स्त्री के बुद्धि कौशल को दिखाया गया है जो सामने आते हुए शेर को डरा कर भगा देती है।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
सन्धि/सन्धिविच्छेदं वा कुरुत-
(क) पितुर्गृहम् -
(ख) एकैक: -
(ग) ............... -अन्यः + अपि
(घ) ......-इति + उक्त्वा
(ङ)............ -यत्र + आस्ते
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अधोलिखितानि वाक्यानि घटनाक्रमानुसारेण योजयत-
(क) व्याघ्रः व्याघ्रमारी इयमिति मत्वा पलायितः।
(ख) प्रत्युत्पन्नमति: सा शृगालं आक्षिपन्ती उवाच।
(ग) जम्बुककृतोत्सा: व्याघ्रः पुनः काननम् आगच्छत्।
(घ) मार्गे सा एकं व्याघ्रम् अपश्यत्।
(ङ) व्याघ्रं दृष्ट्वा सा पुत्रौ ताडयन्ती उवाच-अधुना एकमेव व्याघ्र विभज्य भुज्यताम्।
(च) बुद्धिमती पुत्रद्वयेन उपेता पितुर्गृह प्रति चलिता।
(छ) 'त्वं व्याघ्रत्रयम् आनेतुं' प्रतिज्ञाय एकमेव आनीतवान्।
(ज) गलबद्धशृगालक: व्याघ्रः पुनः पलायितः।
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