अंपड़ियाँ झाई पड़ी.
जीभड़ियाँ छाला
निहारि-निहारि।
राम पुकारि-पुकारि।18 Hindi mein anuvad
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अंपड़ियाँ झाई पड़ी.
जीभड़ियाँ छाला
निहारि-निहारि।
राम पुकारि-पुकारि।
अर्थ ➲ कबीरदास जी कहते हैं कि परमात्मा के दर्शन की राह देखते-देखते जीवात्मा की आँखों के आगे काली झाइयाँ पड़ चुकी हैं। आँखों के आगे आगे अंधकार छाने लगा है। जीवात्मा परमात्मा के दर्शन के लिए राम-राम पुकार रहा है और राम-राम पुकारते हुए उसकी जीभ में छाले पड़ गए हैं।
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