A poem on magal pandey in hindi
Answers
Answer:
sorry I don't to able to make a story on Mangal Pandey you can write on a search in Google
Answer:
जब सन्ताबनि के रारि भइलि, बीरन के बीर पुकार भइलि।
बलिया का ‘मंगल पांडे के, बलिबेदी से ललकार भइलि ॥1॥
‘मंगल‘मस्ती में चूर चलल, पहिला बागी मसहूर चलल।
गोरन का पलटनि का आगे, बलिया के बाँका शूर चलल ॥2॥
अनुवाद- मंगल पांडेय जिन्होंने सबसे पहले विद्रोह किया, मस्ती में चूर होकर चल दिए। अंग्रेजों की फ़ौज के सामने आ गया बलिया का यह वीर जवान।
गोली के तुरत निसान भइल, जननी के भेंट परान भइल।
आजादी का बलिवेदी पर, ‘मंगल पांडे‘ बलिदान भइल ॥3॥
अनुवाद- गोलियों से सामना हुआ, मां का यह सपूत आज़ादी की बलिबेदी पर कुर्बान हो गया।
विज्ञापन
जब चिता-राख चिनगारी से, धुधुकत तनिकी अंगारी से।
सोला निकलल, धधकल, फइलल, बलिया का क्रान्ति पुजारी से ॥4॥
अनुवाद- बलिया के क्रान्ति पुजारी मंगल पांडेय की चिता की राख की चिनगारी धधकने लगी, फैलने लगी।
घर-घर में ऐसन आगि लगलि, भारत के सूतल भागि जगलि।
अंगरेजन के पलटनि सारी, बैरक से भागि चललि ॥5॥
अनुवाद- हर घर में ये आग लगी और ऐसी लगी कि भारत का सोया हुआ भाग्य जैसे जग गया हो और बैरक अंग्रेजों की सेना भाग चली।
बिगड़लि बागी पलटनि काली, जब चललि ठोंकि आगे ताली।
मचि गइल रारि, पडि़ गइलि स्याह, गोरन के गालन के लाली ॥6॥
अनुवाद- सेना के पूरी पलटन विद्रोह पर उतरी ऐर आगे चल पड़ी, ऐसा देख गोरों गाल काला- स्याह पड़ गए।
भोजपुर के तप्पा जाग चलल, मस्ती में गावत राग चलल।
बांका सेनानी कुँवर सिंह, आगे फहरावत पाग चलल ॥7॥
टोली चढ़ि चलल जवानन के, मद में मातल मरदानन के।
भरि गइल बहादुर बागिन से, कोना-कोना मयदानन के ॥8॥
अनुवाद- भोजपुर के तप्पा, बांका सेनानी कुंवर सिंह, मस्ती में क्रांति राग गाते चल दिए, जवानों की टोलियां निकल पड़ीं, बाग का कोना-कोना वीर बहादुरों से भर गया।
ऐसन सेना सैलानी ले, दीवानी मस्त तूफानी ले।
आइल रन में रिपु का आगे, जब कुँवर सिंह सेनानी ले ॥9॥
खच-खच खंजर तरुवारि चललि, संगीन, कृपान, कटारि चललि।
बर्छी, बर्छा का बरखा से, बहि तुरत लहू के धारि चललि ॥10॥
अनुवाद- तूफानी सेनाओं की टोली के साथ रणभूमि में जब कुंवर सिंह की सेना आई तो तलवारें चलने लगीं। कृपाण-कटार, बर्क्षी-भाला के वारों से ख़ून की धाराएं बहने लगीं।
बन्दूक दगलि दन-दनन्दनन्, गोली दउरलि सन्-सनन् सनन्।
भाला, बल्लम, तेगा, तब्बर बजि उठल उहाँ खन्-खनन् खनन् ॥11॥
खउलल तब खून किसानन के जागल जब जोश जवानन के।
छक्का छूटल अंगरेजनि के, गोरे-गोरे कपतानन के ॥12॥
अनुवाद- बंदूकें दगने लगीं, गोलियां चलने लगीं, भाला, बल्लम, सब चलने लगे। ऐसे में किसानों का ख़ून भी खौलने लगा और जवानों में जोश आ गया। अंग्रेजों के छक्के छूट गये।
बागी सेना ललकार चललि, पटना-दिल्ली ले झारि चललि।
आगे जे आइल राह रोक, रन में उनके संहारि चललि ॥13॥
बैरी के धीरज छूटि गइल, जन्नु घड़ा पाप के फूटि गइल।
रन से सब सेना भागि चललि, हर ओर मोरचा टूटि गइल ॥14॥
अनुवाद- दुश्मनों का धैर्य जवाब देने लगा, जैसे उनका पाप का घड़ा फूट गया हो। रणभूमि से सेनाएं भागने लगीं, हर तरफ मोर्चा टूटने लगा।
तनिकी-सा दूर किनार रहल, भारत के बेड़ा पार रहल।
लउकत खूनी दरिआव पर, मंजलि के छोर हमार रहल ॥15॥
अनुवाद- रक्तरंजित दरिया से किनारा थोड़ा दूर ही रह गया नहीं हिंदुस्तान का बेड़ा पार ही था।
विज्ञापन
Recommended

Jammu
Exclusive: सामने आईं वह तस्वीरें जिनका देश को बेसब्री से था इंतजार, ऐसे हैं कश्मीर के हालात
14 अगस्त 2019

World
क्या है वो कानून, जिसके कारण हांगकांग के लाखों युवाओं ने चीन की नाक में कर दिया दम?
14 अगस्त 2019

Shimla
तस्वीरें: भारी बारिश के कारण 235 सड़कों पर यातायात ठप, चार एनएच भी रहे बाधित
14 अगस्त 2019

INVERTIS UNIVERSITY
फैशन इंडस्ट्री दे रही है खास मौके, इन्वर्टिस संग करें खुद को तैयार

Delhi NCR
पूर्व आईएएस शाह फैसल दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए गए, भेजा गया कश्मीर
14 अगस्त 2019

Delhi NCR
रिटायरमेंट से एक साल पहले डीसीपी ने मुंह में बंदूक डाल दबाया ट्रिगर, तस्वीरों में देखें खौफनाक मंजर
14 अगस्त 2019

Jammu
जम्मू-कश्मीरः चुनौतियों से भरा है स्वतंत्रता दिवस समारोह, जैश-ए-मोहम्मद रच रहा साजिश, जवान मुस्तैद
14 अगस्त 2019

जश्न-ए-आजादी
देश की आजादी के 73 साल और इसरो की स्थापना के 50 साल
mangal pandey मंगल पांडेयmangal pandey poem in hindiमंगल पांडेय हिंदी कविता mangal pandey deathमंगल पांडे मृत्यु
Spotlight

Delhi NCR
फ्लैट खरीदारों के लिए हेल्प डेस्क बनाएगी यूपी रेरा, मिलेगी हर जानकारी
14 अगस्त 2019

India News
2005 में भारतीय वायुसेना को मिल जाती एक तकनीक तो बंदी न बनते अभिनंदन वर्तमान