Hindi, asked by thumcherlathiru1627, 1 year ago

A poem on Mahatama Gandhi and Africa in Hindi

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Answered by abhi178
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महात्मा गाँधी ( जन्म हुआ अद्भूत् मानव का )
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वैश्य परिवार में वह गजब का क्षण था,
पोरबंदर इतिहास के पन्नों में अंकित होने वाला था ,
किन्हें पता , आज आजादी हेतु मसीहा जन्म लेने वाला था ,
जिससे मानव को नया आयाम मिलने वाला था,
जिसके घुँटने अजय खुद टेंकने वाला था ,
था वह पल अति आनंद का ,
जब जन्म हुआ अद्भूत मानव का ।।

क्षिति , गगन सब जंजीरों में जकड़े थे,
झूका सिर था सज्जन मानव का,
बेअसर हुई था बल का प्रयोग ,
असहाय हो गये थे औपनिवेशिक राष्ट्र ,
तब जन्म हुआ अद्भूत् मानव का ।।

अहिंसा को धर्म मानकर,
किया प्रयोग अजय पर शस्त्र बनाकर,
अफ्रिका रंगभेद से त्रास्त हो रहा था,
यह कार्य इतना आसान नही था ,
पर मेहनत बर्वाद नही था,
उनकी मेहनत रंग लायी ,
उन्होने रगों के भेद को मिटा डाली ,
पाश्चात देश में हाहाकार मचा ,
जब जन्म हुआ अद्भूत मानव का ।।

यकीनन गजब का बह क्षण था ,जब उन्होने पैर रखा मातृभूमि पर ,
स्वतंत्रता की मनमोहक भावी का , सबने अहसास किया था उनके लौटने पर,
किया शुरु अभियान चंपारण से खत्म किया 'अंग्रेजो भारत छोड़ो 'पर ,
चारों और जय-जयकार हुआ था ,
राष्ट्रपिता , गाँधीजी , बापू का सम्मान मिला था,
संपूर्ण संसार विवश थी , जब देहावसान हुआ अद्भूत मानव का ।।......











Nikki57: Fabulous!
Anonymous: Amazing poem Abhi. Thanks for this answer. :)
abhi178: thank you dears
abhi178: very nice of you
duragpalsingh: Wow! It's really nice. Nice rhyming!
shreya1231: hey abhi!! its awesome!! i loved it!! :D ( always best xD)
taannaa: grt!
TANU81: Wow bro ,,,it's great......
Divyankasc: Hindi, great!!
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