A poem on Mahatama Gandhi and Africa in Hindi
Answers
Answered by
43
महात्मा गाँधी ( जन्म हुआ अद्भूत् मानव का )
_______________________________
वैश्य परिवार में वह गजब का क्षण था,
पोरबंदर इतिहास के पन्नों में अंकित होने वाला था ,
किन्हें पता , आज आजादी हेतु मसीहा जन्म लेने वाला था ,
जिससे मानव को नया आयाम मिलने वाला था,
जिसके घुँटने अजय खुद टेंकने वाला था ,
था वह पल अति आनंद का ,
जब जन्म हुआ अद्भूत मानव का ।।
क्षिति , गगन सब जंजीरों में जकड़े थे,
झूका सिर था सज्जन मानव का,
बेअसर हुई था बल का प्रयोग ,
असहाय हो गये थे औपनिवेशिक राष्ट्र ,
तब जन्म हुआ अद्भूत् मानव का ।।
अहिंसा को धर्म मानकर,
किया प्रयोग अजय पर शस्त्र बनाकर,
अफ्रिका रंगभेद से त्रास्त हो रहा था,
यह कार्य इतना आसान नही था ,
पर मेहनत बर्वाद नही था,
उनकी मेहनत रंग लायी ,
उन्होने रगों के भेद को मिटा डाली ,
पाश्चात देश में हाहाकार मचा ,
जब जन्म हुआ अद्भूत मानव का ।।
यकीनन गजब का बह क्षण था ,जब उन्होने पैर रखा मातृभूमि पर ,
स्वतंत्रता की मनमोहक भावी का , सबने अहसास किया था उनके लौटने पर,
किया शुरु अभियान चंपारण से खत्म किया 'अंग्रेजो भारत छोड़ो 'पर ,
चारों और जय-जयकार हुआ था ,
राष्ट्रपिता , गाँधीजी , बापू का सम्मान मिला था,
संपूर्ण संसार विवश थी , जब देहावसान हुआ अद्भूत मानव का ।।......
_______________________________
वैश्य परिवार में वह गजब का क्षण था,
पोरबंदर इतिहास के पन्नों में अंकित होने वाला था ,
किन्हें पता , आज आजादी हेतु मसीहा जन्म लेने वाला था ,
जिससे मानव को नया आयाम मिलने वाला था,
जिसके घुँटने अजय खुद टेंकने वाला था ,
था वह पल अति आनंद का ,
जब जन्म हुआ अद्भूत मानव का ।।
क्षिति , गगन सब जंजीरों में जकड़े थे,
झूका सिर था सज्जन मानव का,
बेअसर हुई था बल का प्रयोग ,
असहाय हो गये थे औपनिवेशिक राष्ट्र ,
तब जन्म हुआ अद्भूत् मानव का ।।
अहिंसा को धर्म मानकर,
किया प्रयोग अजय पर शस्त्र बनाकर,
अफ्रिका रंगभेद से त्रास्त हो रहा था,
यह कार्य इतना आसान नही था ,
पर मेहनत बर्वाद नही था,
उनकी मेहनत रंग लायी ,
उन्होने रगों के भेद को मिटा डाली ,
पाश्चात देश में हाहाकार मचा ,
जब जन्म हुआ अद्भूत मानव का ।।
यकीनन गजब का बह क्षण था ,जब उन्होने पैर रखा मातृभूमि पर ,
स्वतंत्रता की मनमोहक भावी का , सबने अहसास किया था उनके लौटने पर,
किया शुरु अभियान चंपारण से खत्म किया 'अंग्रेजो भारत छोड़ो 'पर ,
चारों और जय-जयकार हुआ था ,
राष्ट्रपिता , गाँधीजी , बापू का सम्मान मिला था,
संपूर्ण संसार विवश थी , जब देहावसान हुआ अद्भूत मानव का ।।......
Nikki57:
Fabulous!
Similar questions