Hindi, asked by kanchan311286, 9 months ago

a poem on mahatma hansraj in hindi​

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Answered by abhilashbhoi16
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hlo........................................

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Answered by mithu456
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उत्तर महात्मा हंसराज की लिखी कविता
क्या चली क्या चली ये हवा क्या चली
खौफ़ से कांप उठी बाग में हर कली

लोग-बाग आज हैं इस कदर बदहवास
ढूंढते हैं अपना घर इस गली उस गली

ढेर की ढेर फुटपाथ पर रेंगती
जिन्दगी दोस्तो ! लाश है अधजली
जुस्तजू जिस की थी ग़ैर वो ले गये
तुम उठा लाये हो सांप की केंचली

अर्श से फ़र्श तक यकबयक कौंधती
आग-सी इक सदा “दिल जली दिल जली”

कुछ अजब-सी बला जान पर आ बनी
शहर में गांव में मच गई खलबली

ये किस रहनुमा का करिश्मा है ‘रहबर’
देश भर का चलन बन गई धांधली



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