(अ) सुदर्शन जी का मूल नाम :
(आ) सुदर्शन ने इस लेखक की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है
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Answer:
सुदर्शन जी का मूल नाम बदरीनाथ था।
(अ) सुदर्शन जी का मूल नाम :____
(आ) सुदर्शन ने इस लेखक की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है_____
(अ) सुदर्शन जी का मूल नाम : बद्रीनाथ है।
(आ) सुदर्शन ने इस लेखक की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है : सुदर्शन जी ने मुंशी प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाया है।
व्याख्या :
सुदर्शन का मूल नाम बद्रीनाथ था। वह मुंशी प्रेमचंद की परंपरा के कहानीकार रहे हैं। उनकी कहानियों में सुधारवादी दृष्टिकोण को अपनाया गया है और उनकी कहानियां आम जन जीवन से जुड़ी हुई रही हैं। उनकी कहानियों की भाषा सरल सहज और स्वाभाविक रही है। सुदर्शन ने हिंदी के महान सहित्यकार उपन्यास-कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद की परम्परा को आगे बढ़ाया है।
सुदर्शन का जन्म सियालकोट में 1895 ईस्वी में हुआ था। वे पहले उर्दू में लेखन कार्य करते थे और बाद में हिंदी में लेखन कार्य करने लगे। उन्हें गद्य और पद्य दोनों विधाओं में महारत हासिल थी।