Hindi, asked by paplukaaloo6737, 1 year ago

A short essay on Harmful effects of cutting trees in hindi


fshd: haa pata tha aapke bare me mohtarma
fshd: aap esa kuch kro ge
maya0611: nehi karti agar tum aise baat nehi karti
fshd: jaao koi or mil hi jaaye ga aapko hmse jada pyar kerne wala
fshd: baat nhi kro mujhse nhi to mai aapne aap ko goli maar luga ok
maya0611: its your choise
fshd: jaao
fshd: be happy
fshd: enjoy your life to another person
maya0611: yeah ofcourse

Answers

Answered by maya0611
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वनों की कटाई के परिणाम और दुष्प्रभाव

आज के आधुनिक समय में जनसंख्या वृद्धि के साथ जंगलों का विनाश बढ़ गया है। लोग नहीं जानते कि पेड़ हमारी जिंदगी हैं। पेड़ों से हमें जीवनदायिनी हवा (ऑक्सीजन) मिलती है, पेड़ों और जंगलों से हम अपनी काफी ज़रूरतों को पूरा कर पाते हैं। जंगलों के ही कारण बारिश होती है लेकिन तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या के कारण मानव अपनी जरूरतों के लिए अंधाधुंध जंगलों का विनाश कर रहा है। यही कारण है कि आज जंगलों का अस्तित्व खतरे में है। नतीजतन मानव जीवन खतरे में भी है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में हर साल 1 करोड़ हेक्टेयर इलाके के वन काटे जाते हैं। अकेले भारत में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जंगल कट रहे हैं। शहरीकरण का दबाव, बढ़ती आबादी और तेजी से विकास की भूख ने हमें हरी-भरी जिंदगी से वंचित कर दिया है।

जंगलों में पेड़ों को अवैध रूप से काटा जाता है। एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीँ दूसरी ओर लकड़ी के माफिया जंगलों में दिन रात पेड़ काट रहे है। ऐसा प्रतीत होता है कि लकड़ी माफिया पेड़ों को प्रतिशोध की भावना से काट कर उनका व्यापार करने का कोई मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते।

वनों की कटाई से मिट्टी, पानी और वायु क्षरण होता है जिसके परिणामस्वरूप हर साल 16,400 करोड़ से अधिक वृक्षों की अनुमानित मात्रा में कमी देखी जाती है। वनों की कटाई भूमि की उत्पादकता पर विपरीत प्रभाव डालती है। इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं:


maya0611: yes kyu
fshd: haha
maya0611: haha why
fshd: kon kon hai saar me
maya0611: kyu
fshd: saath me
maya0611: kyu bolo phele
fshd: pucha nhi sekta kya
fshd: batao
maya0611: kiske saath soti hu woh bhi pucha zarurat hai
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