a short note in HINDI ON ANIMALS FOUND IN FOREST
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They are very dangerous
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जंगल प्रकृति की बहुत बड़ी देन हैं । कुछ लोग जब हजारों मील तक फैले जंगलों को देखते हैं तो यह सोचते हैं कि धरती के इतने बड़े हिस्से व्यर्थ क्यों पड़े हैं । इनके स्थान पर बड़े-बड़े नगर बसाए जा सकते है । परंतु वे यह नहीं जानते कि मनुष्य की खुशहाली तथा सुख के लिए ये जंगल अनिवार्य हैं । जिस प्रकार किसी बड़े शहर के स्वास्थ्य के लिए बाग तथा तालाब होना आवश्यक है इसी प्रकार किसी देश के स्वास्थ्य के लिए जंगलों का होना अनिवार्य है ।
देश रूपी शरीर में जंगल फेफड़ों की भांति हैं । जिस प्रकार फेफड़े न हों तो व्यक्ति की सांस घुट जाती है, उसी प्रकार यदि जंगल न हों तो देश की सांस घुट जाएगी । जंगलों के शानदार नजारे व्यक्ति की इस भूख को युगों-युगों से शांत करते आए हैं । मनुष्य सदा प्रकृति की इस महान सुंदर रचना की ओर आकर्षित होता रहा है । पुरातन काल में ऋषि जंगलों में रहकर तपस्या करते थे । शायद ही कोई ऐसा हिंदुस्तानी महापुरुष होगा जिसका संबंध जंगलों से न रहा हो ।
श्री रामचंद्र जी ने चौदह वर्ष का वनवास काटा । महात्मा बुद्ध ने भी घने जंगलों में बोहड् वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया । प्रारंभ में जब शहर तथा बस्तियां नहीं बसी थीं तब जंगल ही मनुष्य का घर था । आज भी जब हम शहरों मैं बाग लगाते हैं तो इसके पीछे भी मनुष्य की हरियाली को अपने समक्ष पाने की इच्छा रहती है । इसमें कोई संदेह नहीं कि बड़े-बड़े शहर बनाकर मनुष्य ने बहुत उन्नति की है । परन्तु जैसे-जैसे मनुष्य जंगलों के खुले-डुले जीवन से दूर होना गया तथा लोहे सीमेंट तथा ईंटों के पंजरों में अपने आप को कैट करता गया .है. उसके स्वास्थ्य मैं भी गिरावट आती गई है ।
अन्न के संकट के. कारण कुछ देशों में सरकार न बहुत सारे जंगाल काटकर जमीन को उपजाऊ बनाकर खेती की हैं । प्रारंभ में तो यह तजुरबा बहुत काम आया परंतु शीघ्र ही लीक का अपनी ‘इस मूर्खता की सजा मिलनी प्रारंभ हो गई । जंगलों कं काटे जाने से कुदरत के कानून के अनुसार जलवायु में बहुत बदलाव जाया हैं । विज्ञान का नियम है कि जंगलों से वातावरण शीतल रहत । है । जब बादल समुद्र की .ओर उड़कर आते हैं तो मरुस्थल के ऊपर से बिना बरसे चले जाते है ।
जब जंगलों के ऊपर से गुजरते हैं तो वायुमंडल ठंडा होने के कारण वर्षा होती है । यही कारण है कि जंगलों से ढके होने के कारण पर्वतों पर बहुत वर्षा होती है तथा मरुस्थल पर कम वर्षा होती है । सरकारी रिपोर्ट में माना गया है कि जहां-जहां भी जंगल काटे गए हैं वहां-वहां वर्षा कम होती है । कम वर्षा के कारण हरा प्रकार के इलाके बंजर हो गए हें ।
इस बात की ओर भारत सरकार ने विशेष ध्यान दिया है । प्रतिवर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है तथा लाखों की संख्या में वश लगाए जाते हैं । इसके अतिरिक्त जंगल मनुष्य की ओर भी अनेक आवश्यकताओं कों पूरा करते है । जंगल की लकड़ी से हम मकान वनाते हैं । मकान के अंदर कुर्सी, मेज, पलंग आदि भी जंगलों की ही देन है । यदि जंगल से लकड़ी नहीं मिलेगी तो इंधन भी नहीं मिलेगा ।
सर्दियों में लोग ठंड के कारण ठिठुर जाएंगे । लकड़ी से ही किश्तियां, छोटे जहाज तथा बैलगाड़ियां बनाई जाती हैं । यदि ये न हों तो व्यापार आधा ही रह जाए । जंगल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वृक्षों की जड़ों से धरती नर्म हो जाती है तथा वर्षा का पानी सहज ही संख लेती है 1 यदि जंगल न हो तो पहाड़ों पर हुई वर्षा का पानी बह कर नदियों में आ जाएगा तथा मैदानों में हजारों गांवों को नष्ट कर देगा । साथ ही पानी की तेजी के कारण दरिया बहुत सारी उपजाऊ भरती त्हो ‘भी नष्ट कर देंगे । पहले -गांवों में वृक्ष लगाने का बहुत प्रचलन था तथा. वक्ष को काटना पाप समझा -.जाता था । वृक्षों मैं कई जड़ी -बूटियां मिलती हैं । हरेक प्रकार से जंगल प्रकृति के बनाए हुए हस्पताल हैं जिनमें से हमारे पूर्वजों ने कड़ी मेहनत के बाद अनेक जड़ी -.बूटियों का परीक्षण करके अनेक इलाज खोजे हैं ।
आपको संजीवनी बूटी की कहानी तो याद ही होगी जिसे हनुमान जी एक दूर की पहाड़ी से खोजकर लाए थे । जिसे लगाते ही लक्ष्मण जी ठीक हो गए थे । जंगलों का एक अन्य मुख्य लाभ है कि ये जंगल अनेक लोगों के लिए रोजगार का साधन हैं । दिया- सिलाई का कारखाना इसका एक उदाहण है । इसी प्रकार कागज भी जंगल की घास- फूस से ही बनता है । इसी से ही अनेक व्यक्तियों की रोजी-रोटी -चलती है । इसी प्रकार गोंद, लाख, शहद तथा अनेक प्रकार की वस्तुएं जंगल से ही मिलती हैं । जंगलों की महता को सामने रखते हु– कवियों ने कीकर, बेर तथा पीपल, बोहड़ आदि वृक्षों के गुण गाए हैं तथा उन पर मीठे गीत भी लिखे है ।