Hindi, asked by SHIVBALAKSHUKLA, 9 months ago

A short paragraph on water crisis in Hindi​

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Answered by male62
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आजादी के बाद के छः दशकों में निःसंदेह हमने बहुत विकास की गाथाएँ लिखी हैं, इसके विपरीत उसकी कीमत पर खोया भी बहुत कुछ है। यह किस तरह का विकास है कि हमारा जीवनदाता जल स्वयं संकट में पड़ गया है। जल ही नहीं हमारा राष्ट्रीय पशु ‘बाघ’ संकट में पड़ गया है।, हमारे पेड़, जंगल और पर्यावरण संकट में पड़ गए हैं और-तो-और हमारे जीवनमूल्य खतरे में पड़ गए हैं। कहीं-न-कहीं आजादी की सार संभार में हमसे भयंकर चूक अवश्य हुई है अन्यथा विकास की कीमत पर संकटों को आमंत्रित नहीं करते।

ताजे पानी की घटती उपलब्धता आज की सबसे ज्वलंत समस्या है। कहाँ तो कुछ वर्ष पूर्व यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि सन 2025 तक संसार के एक तिहाई लोग पानी के भयावह संकट से जूझेंगे लेकिन उस संभावित विषम परिस्थिति ने तो समयपूर्व अभी से दस्तक दे दी। यानि 2025 तक शायद यह संकट दो तिहाई आबादी को अपनी चपेट में ले लेगा।

जल के संकट से उबरने का सही तरीका यह है कि पानी को पानी की तरह न बहाया जाए वरन अमृत की तरह उपयोग किया जाए। माना कि मानसून पर किसी का जोर नहीं चलता इसलिए जितना भी पानी आसमान से बरसता है उसके संरक्षण के लिये पहले से खाका बनाकर ठोस रणनीति पर काम किया जाए तो संकट का हल निकल सकता है।

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