English, asked by RajnishKumarsinha, 9 months ago

a short poem in Hindi please​

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22

Answer:

चंचल पाग दीपशिखा के घर

गृह , मग ,‌ वन में आया वसंत !

सुलगा फाल्गुन का सूनापन

सुंदर सिखाओ में अनंत !

सौरभ की शीतल ज्वाला से

फायदा उर - उर में मधुर दाह

आया बसंत , भर पृथ्वी पर

स्वर्गिक सुंदरता का प्रवाह !

पल्लव - पल्लव में नवल रुधिर

पत्रों में मांसल रंग खिला ,

आया नीली पीली लौ से

पुष्पों के चित्रित दीप जला !

अंधेरों की लाली से चुपके

कोमल गुलाब के गाल लजा ,

आया , पंखुड़ियों को काले -

पीले दमोह से सहज सजा !

कली के पलकों में मिलन स्वप्न ,

अली के अंतर में प्रणय गान

लेकर आया, प्रेमी वसंत

आकुल जड़ चेतन स्नेह प्राण !

काली कोकिल ! सुलगा उर में

स्वरमई वेदना का अंगार ,

आया वसंत , घोषित दिगंत

करती , भर पावक की पुकार !

आ , प्रिय ! निखिल यह रूप रंग

रिलमिल अंतर में स्वर अनंत

रचते सजीव जो प्रणय मूर्ति

उनकी छाया , आया वसंत !

- सुमित्रानंदन पंत

Explanation:

यह कविता कवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखी गई , एक बहुत ही अच्छी कविता है । सुमित्रानंदनसुमित्रानंदन पंत का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कौसनी ग्राम में सन उन्नीस सौ १९०० में हुआ था । छायावादी काव्यधारा की आधार भूमि के निर्माताओं में उनका नाम निराला , प्रसाद और महादेवी के साथ लिया जाता है । सुमित्रानंदन पंत जी को प्रकृति का बेजोड़ कवि कहा जाता है । अपनी कविताओं में उन्होंने प्रकृति और मनुष्य के अंतरण संबंधों का जीवंत बना दिया है ।

प्रस्तुत कविता में कवि ने वसंत के आगमन एवं उसके आगमन से प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों को अत्यंत सहजता से व्यक्त किया है ।

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