Hindi, asked by prapti43, 1 year ago

a short poem on Swatantrata Diwas on Hindi

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Answered by divyanshikashyap5073
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लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरो की गाथा गायी,

गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की,
ध्वनि चारो और है छायी,
भगत , राजगुरु और , सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई ||

ऐ भारत माता तुझसे अनोखी,
और अद्भुत माँ न हमने पायी ,
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की,
एक एक बूँद समायी .

माथे पर है बांधे कफ़न ,
और तेरी रक्षा की कसम है खायी,
सरहद पे खड़े रहकर,
आजादी की रीत निभाई।

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।


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Answered by timemachine
2
Poem on Independence Day – “मेरा देश”

प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
ऐसा सितारा मेरा देश।
चांदी सोना मेरा देश,
सफ़ल सलोना मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलोँ वाला मेरा देश।
आगे जाए मेरा देश,
नित नए मुस्काएं मेरा देश।
इतिहासों में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखायें मेरा देश।

15 August Poem – “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा”

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

– श्यामलाल गुप्त पार्षद

Independence Day Poem – “आज़ादी”

भागी परतंत्रता,
आयी स्वतंत्रता,
दिखलायी वीरता,
वीरों की ललकार,
देशभक्त की पुँकार,
आगे बढ़े तरुणाई
भारत को सजायेंगे
रक्षक हम आज़ादी के
गौरव को बढ़ायेंगे
रह्स्त्र गीत गाएंगे,
तिरंगा लहरायेंगे
Poem on Independence Day – “ऐ मेरे प्यारे वतन”

ऐ मेरे प्यारे वतन,
ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुरबान

तू ही मेरी आरजू़,
तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान

तेरे दामन से जो आए
उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुबाँ को
जिसपे आए तेरा नाम

सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुरबान

माँ का दिल बनके कभी
सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं-सी बेटी
बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुरबान

छोड़ कर तेरी ज़मीं को
दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना
तेरे ज़र्रों की कसम

हम जहाँ पैदा हुए उस
जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल कुरबान

– प्रेम धवन

15 August Poem – “भारत देश हमारा प्यारा।”

भारत देश हमारा प्यारा।
सारे विश्व में हैं न्यारा।
अलग अलग हैं यहाँ रूप रंग।
पर सभी एक सुर में गाते।
झेंडा ऊँचा रहे हमारा।

हर परदेश की अलग जुबान।
पर मिठास की उनमे शान।
अनेकता में एकता पिरोकर।
सबने मिल जुल कर देश संवारा।

लगा रहा हैं भारत सारा।
‘हम सब एक हैं’ का नारा।

Poem on Independence Day – “सारे जहाँ से अच्छा”

सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा

हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।

गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ

गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना

हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।

– मुहम्मद इक़बाल


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