A speech on farmer movement in hindi.
Answers
Answer:किसान आंदोलन को शुरू हुए अब महीने हो चुके हैं और दिल्ली में जुटे किसान भाइयों द्वारा किसान कानून का विरोध अभी भी जारी है। किसान भाई यह चाहते हैं कि नया कृषि कानून वापस लिया जाए और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी की एमएसपी की गारंटी की मांग पूरी की जाए। पंजाब व हरियाणा से आए हुए हजारों किसान पिछले कई महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है कि किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। 32 साल पहले भी किसानों द्वारा दिल्ली के बोट क्लब पर हल्ला बोला गया था जिससे सरकार ने किसानों के लिए लाया हुआ कानून वापस लिया था। फिर से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए डटे हुए हैं। सितंबर माह में राष्ट्रपति द्वारा तीन नए कृषि विधायकों पर मुहर लगाई गई थी परंतु किसानों को यह बिल रास नहीं आए और उनका कहना है कि इससे किसानों को भारी नुकसान होगा वह बड़े कॉर्पोरेट खरीद दानों को फायदा। किसानों का कहना है कि यह सरकार ने कॉर्पोरेट घरानों को बढ़ावा प्रदान करवाने के लिए किया है और यह बिल गरीब किसानों के लिए नहीं अंबानी अडानी जैसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के लिए है।
Read more at: https://hindijaankaari.in/kisan-andolan-essay/
Explanation:
Answer:
Explanation:
फ्रैमर भारतीय समाज की रीढ़ हैं। साथ ही, यह एक संवेदनशील विषय है जिसे सावधानी से संभालने की जरूरत है। भारत के लोग विभिन्न प्रकार के पेशे में लगे हुए हैं लेकिन भारत में कृषि या खेती मुख्य व्यवसाय है। इसके विपरीत, हालांकि वे अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, फिर भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जो न केवल उन्हें बल्कि अन्य लोगों को भी प्रभावित करती हैं। हालांकि किसान कभी-कभी पूरे देश का पेट भरते हैं, लेकिन वे अपने और अपने परिवार के लिए दो वक्त का भोजन भी नहीं जुटा पाते हैं।