a story of Fox and crow in Hindi
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एक फॉक्स ने एक बार एक कौवा को अपनी चोंच में पनीर के टुकड़े के साथ उड़ते देखा और एक पेड़ की एक शाखा पर बस गया।
", मेरे लिए, जैसा कि मैं एक लोमड़ी हूँ," मास्टर रेनार्ड ने कहा, और वह पेड़ के पैर तक चला गया।
"अच्छा दिन, मालकिन कौवा," वह रोया। "आज आप कितनी अच्छी लग रही हैं: आपके पंख कैसे चमकदार हैं? आपकी आंख कितनी चमकीली है। मुझे लगता है कि आपकी आवाज अन्य पक्षियों की तरह ही होनी चाहिए, जैसा कि आपका आंकड़ा करता है; मुझे सुनने दें लेकिन आपसे एक गीत जो मैं आपको अभिवादन कर सकता हूं। पक्षियों की रानी। "
कौवा ने अपना सिर उठा लिया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, लेकिन जिस क्षण उसने अपना मुंह खोला पनीर का टुकड़ा जमीन पर गिर गया, केवल मास्टर फॉक्स द्वारा छीन लिया गया।
"वह करेंगे," उन्होंने कहा। "यही सब मैं चाहता था। आपके पनीर के बदले में मैं आपको भविष्य के लिए सलाह दूंगा:" फ़्लर्टर्स पर भरोसा मत करो। "
Explanation:
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Explanation:
एक लोमड़ी दो दिन से भूखी थी. वह भोजन की तलाश में जंगल में भटक रही थी. दिन भर भटकने के बाद भी उसे भोजन नसीब नहीं हुआ. वह थक कर चूर होकर एक पेड़ के नीचे सुस्ताने के लिए बैठ गई.
जिस पेड़ के नीचे बैठकर वह सुस्ता रही थे, ठीक उसके सामने के पेड़ पर कुछ देर बाद एक कौवा आकर बैठ गया. उसके मुँह में रोटी का टुकड़ा था.
कौवे के मुँह में रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया. वह उस रोटी के टुकड़े को हासिल करने का उपाय सोचने लगी. उपाय दिमाग में आते ही वह उस पेड़ के नीचे पहुँची और कौवे की प्रशंषा के पुल बांधते हुए बोली, “कौवे भाई! तुम कितने सुंदर दिखते हो. तुम्हें पता है कि तुम इस विश्व के सबसे सुंदर पक्षी हो. तुम जैसा तो कोई भी नहीं.”
अपनी प्रशंषा सुनकर कौवा खुशी से फूला नहीं समाया. किंतु वह मौन रहा. लोमड़ी फिर से बोली, “कौवे भाई! तुम्हारी आवाज़ का तो कहना ही क्या? वह तो बहुत सुरीली है. क्या मुझे ये सौभाग्य प्राप्त होगा कि मैं तुम्हारा गाना सुन सकूं.”
अब कौवे से न रहा गया. वह गाना सुनाकर लोमड़ी से और तारीफें बटोरना चाहता था. वह भूल ही गया कि उसके मुँह में रोटी का टुकड़ा है और वह गाना गाने लगा. उसका मुँह खुलते ही रोटी का टुकड़ा मीचे गिर पड़ा. लोमड़ी इसी ताक में थी, उसने झट से वह रोटी का टुकड़ा लपक लिया और वहाँ से चलती बनी.