Hindi, asked by siddarthvenkat, 1 month ago

A story on friendship in hindi

Please tell me correct answer
Then I will mark you as brainliest

Answers

Answered by 57pranavdmandre
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Answer:

दोस्ती और भरोसा Story About Two Friends In Hindi : रात घिर आई थी. परदेश की यात्रा पर निकले दो दोस्त सोहन और मोहन एक जंगल से गुजर रहे थे. जंगल में अक्सर जंगली जानवरों का भय रहता है. सोहन को भय था कि कहीं किसी जंगली जानवर से उनका सामना न हो जाए.

वह मोहन से बोला, “मित्र! इस जंगल में अवश्य जंगली जानवर होंगे. यदि किसी जानवर ने हम पर हमला कर दिया, तो हम क्या करेंगे?”

सोहन बोला, “मित्र डरो नहीं. मैं तुम्हारे साथ हूँ. कोई भी ख़तरा आ जाये, मैं तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा. हम दोनों साथ मिलकर हर मुश्किल का सामना कर लेंगे.”

इसी तरह बातें करते हुए वे आगे बढ़ते जा रहे थे कि अचानक एक भालू उनके सामने आ गया. दोनों दोस्त डर गए. भालू उनकी ओर बढ़ने लगा. सोहन दर के मारे तुरंत एक पेड़ पर चढ़ गया. उसे सोचा कि मोहन भी पेड़ पर चढ़ जायेगा. लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था. वह असहाय सा नीचे ही खड़ा रहा.

भालू उसके नज़दीक आने लगा. मोहन डर के मारे पसीने-पसीने होने लगा. लेकिन डरते हुए भी वह किसी तरह भालू से बचने का उपाय सोचने लगा. सोचते-सोचते एक उपाय उसके दिमाग में आ गया. वह जमीन पर गिर पड़ा और अपनी सांस रोककर एक मृत व्यक्ति की तरह लेटा रहा.

भालू नज़दीक आया. मोहन के चारों ओर घूमकर वह उसे सूंघने लगा. पेड़ पर चढ़ा सोहन यह सब देख रहा था. उसने देखा कि भालू मोहन के कान में कुछ फुसफुसा रहा है. कान में फुसफुसाने के बाद भालू चला गया.

भालू के जाते ही सोहन पेड़ से उतर गया. मोहन भी तब तक उठ खड़ा हुआ. सोहन ने मोहन से पूछा, “मित्र! जब तुम जमीन पर पड़े थे, तो मैंने देखा कि भालू तुम्हारे कान में कुछ फुसफुसा रहा है. क्या वो कुछ कह रहा था?”

“हाँ, भालू ने मुझसे कहा कि कभी भी ऐसे दोस्त पर विश्वास मत करना, तो तुम्हें विपत्ति में अकेला छोड़कर भाग जाये.”

सीख – जो दोस्त संकट में छोड़कर भाग जाये, वह भरोसे के काबिल नहीं.

Explanation:

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Answered by Amanat10
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Answer:

your story is belo mate

hope it helps you out

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Explanation:

एक युद्ध में, एक फौजी अपने जख्मी दोस्त को अपने क्षेत्र में लाने की कोशिश कर रहा था।

उसके कप्तान ने कहा, “वो अभी किसी काम का नहीं! तुम्हारे दोस्त को मरना होगा।”

लेकिन फौजी फिर भी जाता है और अपने दोस्त को वापिस लेके आता है।

दोस्त का मृत शरीर देखकर, कप्तान कहता है, “मैंने तुमसे कहा था की अब यह किसी काम का नहीं, वह मर चूका है।”

तभी वह फौजी नम आखो से जवाब देता है, “नहीं सर, यह मेरे लिए बहोत कीमती है……”

जब मैंने उसे ढूंडा तब मेरे दोस्त ने मुझे देखा, मुस्कुराया और उसने अपने अंतिम शब्द कहे:

“मै जानता था की तुम जरुर आओगे”………….

ऐसी कीमती, सच्ची और मजबूत दोस्ती आज हमें बहोत कम देखने मिलती है….जीवन में सच्चे दोस्त, जब आपको उसकी जरुरत होती है तब हमेशा आपके साथ रहते है।

दोस्ती की कई महान कहानिया हमें इतिहास में दिखाई देती है। कई लोगो ने दोस्ती में अपनी जान तक गवई है। कहा जाता है माता-पिता के बाद अगर कोई किसी को पास से जान सकता है तो वो “दोस्त” ही है।

जीवन में कई बार हम ऐसी मुश्किलों में फसे होते है, जिस समय हम किसी से सहायता नहीं ले सकते, उस समय दोस्त हमारी सहायता करता है। दोस्त वही होता है जो हमारे दिल की बातो को जान लेता है। निश्चित ही अगर हमारा दोस्त हमारे साथ हो तो हम बड़े से बड़ी चुनौती को भी आसानी से पार कर सकते है।

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