a story on swami Vivekananda in hindi
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एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखेरनें वाले स्वामी विवेकानंद साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विव्दान थे। स्वामी विवेकानंद – Swami Vivekananda ने ‘योग’, ‘राजयोग’ तथा ‘ज्ञानयोग’ जैसे ग्रंथों की रचना करके युवा जगत को एक नई राह दिखाई है जिसका प्रभाव जनमानस पर युगों-युगों तक छाया रहेगा। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी स्वामी विवेकानंद – Swami Vivekananda महानता की कहानी बताता है।
“संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव से भी आगे निकल जाना।“
ऐसी सोच वाले व्यक्तित्व थे Swami Vivekananda – स्वामी विवेकानंद। जिन्होनें अध्यात्मिक, धार्मिक ज्ञान के बल पर समस्त मानव जीवन को अपनी रचनाओं के माध्यम से सीख दी वे हमेशा कर्म पर भरोसा रखने वाले महापुरुष थे। Swami Vivekananda – स्वामी विवेकानंद का मानना था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक कोशिश करते रहना चाहिए जब तक की लक्ष्य हासिल नहीं हो जाए।
“संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव से भी आगे निकल जाना।“
ऐसी सोच वाले व्यक्तित्व थे Swami Vivekananda – स्वामी विवेकानंद। जिन्होनें अध्यात्मिक, धार्मिक ज्ञान के बल पर समस्त मानव जीवन को अपनी रचनाओं के माध्यम से सीख दी वे हमेशा कर्म पर भरोसा रखने वाले महापुरुष थे। Swami Vivekananda – स्वामी विवेकानंद का मानना था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक कोशिश करते रहना चाहिए जब तक की लक्ष्य हासिल नहीं हो जाए।
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hey...❤❤
Story of Swami Vivekananda in Hindi
स्वामी विवेकानंद का सम्पूर्ण जीवन एक दीपक के समान है जो हमेशा अपने प्रकाश से इस संसार को जगमगाता रहेगा और उनका जीवन सदा हम लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
एक बार स्वामी विवेकानंद ट्रेन से यात्रा कर रहे थे और हमेशा की तरह भगवा कपडे और पगड़ी पहनी हुई थी। ट्रेन में यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री को उनका ये रूप बहुत अजीब लगा और वो स्वामी जी को कुछ अपशब्द कहने लगा बोला – तुम सन्यासी बनकर घूमते रहते हो कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं हो, तुम लोग बहुत आलसी हो, लेकिन स्वामी जी दयावान थे उन्होंने उसकी तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया और हमेशा की तरह चेहरे पे तेज लिए मुस्कुराते रहे ।
उस समय स्वामी जी को बहुत भूख लगी हुई थी क्यूंकि उन्होंने सुबह से कुछ खाया पिया नहीं था। स्वामी जी हमेशा दूसरों के कल्याण के बारे में सोचते थे अपने खाने का उन्हें ध्यान ही कहाँ रहता था । एक तरफ स्वामी जी भूख से व्याकुल थे वहीँ वो दूसरा यात्री उनको अप्शब्द और बुरा भला कहने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा था । इसी बीच स्टेशन आ गया और स्वामी जी और वो यात्री दोनों उतर गए। उस यात्री ने अपने बैग से अपना खाना निकाला और खाने लगा और स्वामी जी से बोला – अगर कुछ कमाते तो तुम भी खा रहे होते।
स्वामी जी बिना कुछ बोले चुपचाप थकेहारे एक पेड़ के नीचे बैठ गए और बोले मैं अपने ईश्वर पे विश्वास करता हूँ जो वो चाहेंगे वही होगा । अचानक ही कहीं से एक आदमी खाना लिए हुए स्वामी जी के पास आया और बोला क्या आप ही स्वामी विवेकानंद हैं और इतना कहकर को स्वामी जी के कदमों में गिर पड़ा और बोला कि मैंने एक सपना देखा था जिसमें खुद भगवान ने मुझसे कहा कि मेरा परम भक्त विवेकानंद भूखा है तुम जल्दी जाओ और उसे भोजन देकर आओ ।
Hope this will help you❤❤
Story of Swami Vivekananda in Hindi
स्वामी विवेकानंद का सम्पूर्ण जीवन एक दीपक के समान है जो हमेशा अपने प्रकाश से इस संसार को जगमगाता रहेगा और उनका जीवन सदा हम लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
एक बार स्वामी विवेकानंद ट्रेन से यात्रा कर रहे थे और हमेशा की तरह भगवा कपडे और पगड़ी पहनी हुई थी। ट्रेन में यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री को उनका ये रूप बहुत अजीब लगा और वो स्वामी जी को कुछ अपशब्द कहने लगा बोला – तुम सन्यासी बनकर घूमते रहते हो कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं हो, तुम लोग बहुत आलसी हो, लेकिन स्वामी जी दयावान थे उन्होंने उसकी तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया और हमेशा की तरह चेहरे पे तेज लिए मुस्कुराते रहे ।
उस समय स्वामी जी को बहुत भूख लगी हुई थी क्यूंकि उन्होंने सुबह से कुछ खाया पिया नहीं था। स्वामी जी हमेशा दूसरों के कल्याण के बारे में सोचते थे अपने खाने का उन्हें ध्यान ही कहाँ रहता था । एक तरफ स्वामी जी भूख से व्याकुल थे वहीँ वो दूसरा यात्री उनको अप्शब्द और बुरा भला कहने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा था । इसी बीच स्टेशन आ गया और स्वामी जी और वो यात्री दोनों उतर गए। उस यात्री ने अपने बैग से अपना खाना निकाला और खाने लगा और स्वामी जी से बोला – अगर कुछ कमाते तो तुम भी खा रहे होते।
स्वामी जी बिना कुछ बोले चुपचाप थकेहारे एक पेड़ के नीचे बैठ गए और बोले मैं अपने ईश्वर पे विश्वास करता हूँ जो वो चाहेंगे वही होगा । अचानक ही कहीं से एक आदमी खाना लिए हुए स्वामी जी के पास आया और बोला क्या आप ही स्वामी विवेकानंद हैं और इतना कहकर को स्वामी जी के कदमों में गिर पड़ा और बोला कि मैंने एक सपना देखा था जिसमें खुद भगवान ने मुझसे कहा कि मेरा परम भक्त विवेकानंद भूखा है तुम जल्दी जाओ और उसे भोजन देकर आओ ।
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daughterodiasofficer:
moral???
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