अंतिम घड़ी में राजा दशरथ के मुख से क्या शब्द निकले?
Answers
अंतिम समय में महाराज दशरथ के मुख से यह शब्द निकले
हे राम ! हे सीता ! है लक्ष्मण
राजा दशरथ वाल्मीकि रामायण के अनुसार रघुवंश के 39th राजा थे | उन की तीन पत्नियां थी जिनका नाम था कोशल्या , केकई और सुमित्रा | जब उन्हें कई वर्षों तक पुत्र प्राप्ति नहीं हुई तो उन्होंने पुत्रकामेश्ती यज्ञ करवाया और अग्नि देव को प्रसन्न करके उनसे प्रसाद पाया | उस प्रसाद का एक भाग महाराज दशरथ ने महारानी कौशल्या के हाथ में दिया और दूसरा भाग महारानी के कई के हाथ में दिया | फिर उन दोनों ने अपने-अपने भाग में से आधा आधा भाग महारानी सुमित्रा को दिया | इसी कारणवश कौशल्या को श्री राम की प्राप्ति हुई कैकई को भरत की प्राप्ति हुई और सुमित्रा को लक्ष्मण और शत्रुघ्न की प्राप्ति हुई |अयोध्या के चारों राजकुमारों का विवाह मिथिला की चारों राजकुमारियों से हुआ | उसके पश्चात 1 दिन महाराज दशरथ ने राम को राजा बनाने की घोषणा की | इसलिए महारानी के कई की दासी मंथरा ने उन्हें भड़काया और अपने उन 2 वचनों का स्मरण कराया जो महाराज दशरथ ने उनको दिए थे | फिर महारानी के कई ने महाराज दशरथ से दो वरदान मांगे पहला मांगा कि अयोध्या का अगला राजा भरत बने और दूसरे वर्ग में राम को 14 वर्ष का वनवास | राम जी सीता जी और लक्ष्मण जी के सहित वनवास की ओर निकल पड़े और महाराज दशरथ श्रवण कुमार के श्राप के अनुसार अपने प्राण पुत्र वियोग में त्याग दिए