अंतिम दिनों में मन्नू भंडारी के पिता का स्वभाव शक्की हो गया था, लेखिका ने इसके क्या कारन दिए
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मन्नू भंडारी के पिता का स्वभाव शक्की हो गया था, लेखिका ने इसके कारण दिए है
एक बहुत बड़े आर्थिक झटके के कारण वे इंदौर से अजमेर आ गए थे, जहाँ उन्होंने अपने अकेले के बल-बूते और हौसले से अंग्रेज़ी-हिंदी शब्दकोश के अधूरे काम को आगे बढ़ाना शुरू किया | इसने उन्हें यश और प्रतिष्ठा तो बहुत दी, पर अर्थ नहीं और शायद गिरती आर्थिक स्थिति ने ही उनके व्यक्तित्व के सारे सकारात्मक पहलुओं को खत्म कर दिया। नवाबी आदतें, अधूरी महत्वाकांक्षाएँ, हमेशा क्रोध बनकर हमेशा माँ को भी डराना अपनों के हाथों विश्वासघात की जाने कैसी गहरी चोटें होंगी वे जिन्होंने आँख मूँदकर सबका विश्वास करने वाले पिता को बाद के दिनों में इतना शक्की बना दिया था |
यही सब कारण मन्नू भंडारी के पिता का स्वभाव शक्की हो गया थे |
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