Biology, asked by maahira17, 10 months ago

अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र क्यों बनते हैं? पराबैंगनी विकिरण के बढ़ने से हमारे ऊपर किस प्रकार प्रभाव पड़ेंगे?

Answers

Answered by nikitasingh79
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अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र इसलिए बनते हैं क्योंकि वहां तापमान का अत्याधिक कम होना एवं विरल वायु के चक्रवातों का  निरंतर बनते रहना है।  

सीएफसी के अधिक उत्सर्जन के कारण समताप मंडल में ओजोन का निम्नीकरण होने से अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत बहुत पतली हो गई है, जिसे ओजोन छिद्र कहते हैं।  

पराबैंगनी विकिरणों के बढ़ने से हमारे ऊपर पड़ने वाले प्रभाव निम्नलिखित हैं :  

(1) पराबैंगनी विकिरणों से उत्परिवर्तन के कारण त्वचा में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे विकृतियां जलन,  त्वचा कैंसर आदि उत्पन्न हो जाते हैं।

(2) पराबैंगनी विकिरणों के कारण नेत्रों में मोतियाबिंद  उत्पन्न हो जाता है । यूवी किरणें आंखों  के लिए अत्यंत हानिकारक होती है , इनके द्वारा अंधापन तक भी हो सकता है।

(3) इसके अतिरिक्त जीर्णता, गंजापन, बालों का कम उम्र में सफेद होना, आनुवंशिक विकार , प्रोटीन विकृति करण पराबैंगनी विकिरणों के सामान्य दुष्प्रभाव है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

 

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Answered by Anonymous
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Explanation:

अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र इसलिए बनते हैं !

क्योंकि :-

  • वहां तापमान का अत्याधिक कम होना एवं विरल वायु के चक्रवातों का निरंतर बनते रहना है।

  • सीएफसी के अधिक उत्सर्जन के कारण समताप मंडल में ओजोन का निम्नीकरण होने से अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत बहुत पतली हो गई है, जिसे ओजोन छिद्र कहते हैं।

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