अंतःशोषण क्या है व इसका महत्व क्या है
Answers
Answer:
hii frnd
Explanation:
कम सांद्रण वाले घोल से अधिक सान्द्रण वाले घोल की तरफ विलायक के अणुओं की गति के कारण बाद में विलयन का स्तर अलग-अलग हो जाता है।
परासरण (Osmosis) दो भिन्न सान्द्रता वाले घोलों के बीच होनेवाली एक विशेष प्रकार की विसरण क्रिया है जो एक अर्धपारगम्य झिल्ली के द्वारा होती है। इसमें विलायक (घोलक) के अणु कम सान्द्रता वाले घोल से अधिक सान्द्रता वाले घोल की ओर गति करते हैं।[1] यह एक भौतिक क्रिया है जिसमें घोलक के अणु बिना किसी बाह्य उर्जा के प्रयोग के अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर गति करते हैं। विलेय (घुल्य) के अणु गति नहीं करते हैं क्योंकि वे दोनों घोलों के अलग करने वाली अर्धपारगम्य झिल्ली को पार नहीं कर पाते हैं।[2] परासरण में उर्जा मुक्त होती है जिसके प्रयोग से पेड़-पौधों के बढते जड़ चट्टानों को भी तोड़ देती हैं।
परासरण- वह क्रिया जिसके फलस्वरूप अर्धपरागम्य झिल्ली से होकर विलायक के अणु कम सांद्रता वाले घोल से अधिक सांद्रता की और जाते है परासरण क्रिया कहलाती है।