Hindi, asked by kinjaltpatel2020, 3 months ago

अंतरिक्ष अंतरिक्ष यात्रा में किस प्रकार की मुश्किलें आती है​

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Answered by nitinyeole2002
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Answer:

अंतरिक्ष यात्री पूरी तैयारी के साथ धरती के बाहर जाते हैं. कई महीनों का खाना, कसरत करने और सफाई का सामान भी उनके साथ जाता है. लेकिन गुरुत्व बल के ना होने से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खास कर साफ सफाई के मामले में. हाल ही में रूस के एक अंतरिक्ष यात्री की टॉयलेट की मरम्मत करने की तस्वीरों ने लोगों का ध्यान स्पेस स्टेशन में होने वाली दिक्कतों की ओर खींचा. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन आईएसएस पर जो दिक्कत नजर आई, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए वह कोई नई बात नहीं है.

1969 में अमेरिकी वैज्ञानिक रसल श्वाइकर्ट अपोलो 9 में सवार हो कर अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले. उन्हें और उनके साथियों को पेशाब करने के लिए नलीनुमा डब्बों का इस्तेमाल करना पड़ा. टीम तीन अलग अलग आकार के डब्बे साथ ले कर गयी थी. अधिकतर वे सबसे बड़ा डब्बा ही उठा लेते, पर बाद में उन्हें अहसास होता कि छोटे डब्बे से भी काम चल सकता था. श्वाइकर्ट ने अंतरिक्ष मिशन से लौट कर इस बारे में कहा था, "यह गलती अब दोहराई नहीं जाएगी."

Answered by anshukumari31629
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Answer:

आम तौर से अंतरिक्ष यात्री एयरफ़ोर्स के बेहतरीन पायलट होते हैं. 1950 में नासा ने भी अपना पहला अंतरिक्ष यात्री एयरफ़ोर्स के पायलट को ही चुना था. यही काम सोवियत संघ ने भी किया था.

फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था कि सोवियत संघ ने इस क्षेत्र में महिलाओं को भी शामिल कर लिया था. साथ ही लंबाई की बंदिश लगा दी. यानी किसी भी अंतरिक्ष यात्री की लंबाई पांच फ़ीट छह इंच से ज़्यादा नहीं हो सकती थी.

क़रीब 60 साल से रिसर्च के लिए इंसान अंतरिक्ष में जा रहे हैं. लेकिन वहां जाने के लिए शर्तें आज भी वही हैं.

मिसाल के लिए 2009 में यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने अपने यहां छह अंतरिक्ष यात्री भर्ती किए. इनमें से तीन फ़ौज के पायलट हैं. एक पेशेवर पायलट है. एक स्काई डाइवर है. जबकि, एक पर्वतारोही है.

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